नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर: केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में प्रतिदिन एक करोड़ यात्री मेट्रो की सवारी कर रहे हैं. पुरी ने 27-29 अक्टूबर तक यहां आयोजित 16वें ‘अर्बन मोबिलिटी इंडिया’ (यूएमआई) सम्मेलन एवं एक्सपो में अपने संबोधन में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, भारत में लगभग 20 शहरों में मेट्रो प्रणालियों की परिचालन लंबाई 895 किलोमीटर है, और यह अगले कुछ वर्षों में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनने को तैयार है. पुरी ने कहा कि भारत में प्रतिदिन एक करोड़ यात्री मेट्रो की सवारी कर रहे हैं, और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि भविष्य में यह संख्या बढ़ सकती है.
बाद में, पुरी और केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने कार्यक्रम से इतर मीडियाकर्मियों से बातचीत की. निर्माणाधीन मेट्रो लाइनों के बारे में पूछे जाने पर, पुरी ने कहा, इसका लगभग 965 किलोमीटर हिस्सा निर्माणाधीन है और एक बार पूरा होने के बाद, मेट्रो प्रणाली वाले शहरों की संख्या आज के लगभग 20 से बढ़कर 27 हो जाएगी.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत वर्तमान में मेट्रो नेटवर्क विस्तार के मामले में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे नंबर पर है और कुछ वर्षों में जैसे-जैसे नेटवर्क बढ़ता है, देश दूसरे नंबर पर पहुंचने की ओर अग्रसर है.
सम्मेलन के दौरान उनकी इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि भारत में प्रतिदिन एक करोड़ यात्री मेट्रो की यात्रा कर रहे हैं और क्या यह संख्या इस क्षेत्र में मौजूद कई चुनौतियों को देखते हुए बढ़ सकती है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मेट्रो सवारियों की संख्या सामान्य कारण से बढ़ेगी कि एक यात्री, मेट्रो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक, निवास स्थान से कार्यस्थल आदि तक जाने के एक कुशल, किफायती साधन के रूप में देखता है.’’
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का हवाला दिया, जिससे अब लगभग 70 लाख यात्री यात्रा कर रहे हैं. दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 288 स्टेशनों के साथ 393 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर और गुरुग्राम में रैपिड मेट्रो भी शामिल है. पुरी ने कहा कि बेंगलुरु मेट्रो और अन्य मेट्रो में यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है, क्योंकि कई लोग भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं.
उन्होंने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के हाल में शुरू किए गए 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड का भी हवाला दिया और कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक बार इसके पूरी तरह से चालू हो जाने पर लोग (सड़क से यात्रा में) तीन घंटे लगाने के बजाय 50 मिनट की इस सवारी को पसंद करेंगे.’’
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