देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के मामले बढ़कर 32 हो गए हैं. इस बीच सरकार ने कोरोना ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों को आगाह किया है. सरकार ने कहा कि मास्क के इस्तेमाल में लापरवाही बरतना जोखिम भरा और अस्वीकार्य है. ऐसा करके लोग अपने साथ ही दूसरों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं. Omicron Scare: जानें क्या होती है 'जीनोम सिक्वेंसिंग', नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ का कैसे लगाते हैं पता.
इस बीच ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने कहा, कोरोना वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से होने वाले संक्रमण के मामलों में 70 से 75 प्रतिशत तक सुरक्षा मुहैया कराती है.
एजेंसी ने बताया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका- भारत में कोविशील्ड नाम से- और फाइजर/बायोनटेक टीके की दो खुराक मौजूदा समय में सबसे अधिक प्रसारित कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले लक्षण वाले संक्रमण में ‘बहुत कम सुरक्षा’ देती हैं. हालांकि, देखा गया है कि तीसरी खुराक वायरस के नए वेरिएंट के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है. यह अध्ययन ओमिक्रॉन के 581 मामलों के विश्लेषण पर आधारित है.
75 प्रतिशत तक सुरक्षा का अनुमान
एजेंसी ने कहा, "टीके प्रभाव को लेकर शुरुआती आंकड़ों से लगता है कि वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ बूस्टर खुराक शुरुआती दौर में अधिक प्रभावी है और करीब 70 से 75 प्रतिशत तक लक्षण वाले संक्रमण में सुरक्षा प्रदान करती है. वायरस के स्वरूप के शुरुआती अध्ययन पर आधारित होने की वजह से सभी आकलनों में अनिश्चितता है.’’
भारत में बढ़ी बूस्टर डोज की मांग
भारत में ओमिक्रॉन की एंट्री के साथ ही बूस्टर डोज की मांग बढ़ गई है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है की इसे मंजूरी मिलेगी या नहीं. बूस्टर डोज को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत और कारण के संबंध में कोविड-19 रोधी टीका लगाने पर राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह एवं टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.
देश में अब तक 32 मामले
इस बीच महाराष्ट्र के पुणे जिले में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची समेत महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के सात नए मामले सामने आए हैं. यह बच्ची COVID-19 के इस नए वेरिएंट से संक्रमित देश की सबसे कम उम्र की मरीज हो सकती है. सात नए मामलों में से चार पुणे जिले से हैं और ये सभी भारतीय मूल की नाइजीरिया से आयी तीन महिलाओं के संपर्क में आए थे जिनमें पहले इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा गुजरात से ओमिक्रॉन के दो नए मामले सामने आए.