भुवनेश्वर: किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान संगठन नाबा निर्माण कृषक संगठन (NNKS) ने गुरुवार को ओडिशा बंद का आव्हान किया है. हालांकि यह बंद केवल 12 घंटे के लिए ही होगा. इस बंद को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. इसके अलावा बंद को नक्सलियों का भी समर्थन मिला है.
नाबा निर्माण कृषक संगठन ने यह बंद धान और अन्य कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानों के लिए पेंशन आदि मांगों को लेकर बुलाया है. वहीं राज्य सरकार ने NNKS से बंद को वापस लेने का अनुरोध किया था लेकिन संगठन ने मानने से मना कर दिया. हालांकि बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, ओडिशा (BSE) ने इस बंद का कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा पर प्रभाव नहीं पड़ने का दावा किया है.
NNKS के संयोजक अक्षय कुमार ने बताया कि हम परीक्षा के प्रति संवेदनशील है और इसलिए परीक्षा से संबंधित सामग्री ले जाने वाले वाहनों को नहीं रोका जाएगा. खबरों की मानें तो बोर्ड ने परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तिकाओं को सभी केंद्रों पर आज ही भेजवा दिया है. साथ ही परीक्षा से संबंधित किसी भी काम को सुबह 6 बजे से 8.30 बजे तक की छूट दी गई है.
गौरतलब हो कि दक्षिण ओडिशा के कंधमाल जिले में नक्सलियों ने पोस्टर लगाकर इस बंद को अपना समर्थन जताया था. सीपीआई नक्सल ओडिशा राज्य कमेटी लिखे इन पोस्टर में पुलवामा हमले के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया था. साथ ही इन पोस्टरों में राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को किसान विरोधी बताया गया था. इस बंद को सफल बनाने के लिए नक्सलियों ने भी आव्हान किया है. वहीं नक्सलियों द्वारा बंद का समर्थन करने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.