HC On Divorce: बच्चे को जन्म न दे पाना शादी खत्म करने का आधार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की तलाक की याचिका
कोर्ट ने कहा- बच्चे को जन्म देने में असमर्थता ना तो नपुंसकता है और ना ही विवाह को समाप्त करने का कोई आधार है. ऐसी परिस्थितियों में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक का प्रावधान नहीं है
बच्चे को जन्म ना दे पाना, शादी को खत्म करने का आधार नहीं है. पटना हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी पति की ओर से दायर तलाक की याचिका खारिज करते हुए की. दरअसल पति ने क्रूरता और परित्याग के आधार पर तलाक की मांग की थी. फैमली कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी. इसके खिलाफ पति ने हिंद विवाह अधिनियम की धारा तेरह के तहत रिवीजन याचिका हाई कोर्ट में दायर किया था.
अदालत ने देखा कि महिला के गर्भाशय में शिष्ट है. इसलिए वह बच्चा पैदा नहीं कर पा रही है. महिलाओं में शिष्ट होने पर पेट में सूजन दर्द यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द होना उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं. पति उसे तलाक देकर दूसरी महिला से शादी करना चाहता है ताकि वह बच्चा पैदा कर सके. जज जितेंद्र कुमार और PB वजनत्री के बेंच ने कहा कि पति पत्नी के रूप में रहने के दौरान किसी को कोई भी बीमारी हो सकती है. इस पर किसी का कंट्रोल नहीं है. आगे कहा ऐसी स्थिति में दूसरे पति या पत्नी का वैवाहिक कर्तव्य भी है कि वह अपने पार्टनर की सहायता करें साथ रहे. HC On Freedom Of Speech: फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए, भगवान के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
बच्चे को जन्म देने में असमर्थता ना तो नपुंसकता है और ना ही विवाह को समाप्त करने का कोई आधार है. ऐसी परिस्थितियों में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक का प्रावधान नहीं है. फैमली कोर्ट ने पति की तलाक की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि वह पत्नी के खिलाफ लगाए गए क्रूरता के आरोपों को साबित करने में विफल रहा.
कोर्ट ने कहा कि तलाक की याचिका शादी के दो साल के भीतर दायरकी गई थी और पत्नी केवल दो महीने तक पति के साथ रही थी. ऐसे में परित्याद के आधार पर तलाक नहीं हो सकता क्योंकि परित्याग कम से कम दो साल की निरंतर अवधि के लिए होना चाहिए.
अदालत को पत्नी के साथ रहने से कथित इंकार के अलावा विवाहित कदाचार का कोई सबूत नहीं मिला जो क्रूरता की कैटेगरी में आता है. इसके साथ ही अदालत ने फैमली कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखा और पति की तलाक की अर्जी खारिज कर दी.