नोएडा, 22 अगस्त: नोएडा के पोस्टमॉर्टम हाउस में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक पुरुष और महिला के बीच आपत्तिजनक गतिविधियों को दिखाया गया है. इस वीडियो के वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले ने समाज में हड़कंप मचा दिया है और इसे लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं.
वीडियो वायरल और पुलिस कार्रवाई
वीडियो की लंबाई करीब 6 मिनट 17 सेकंड है और यह वीडियो सोशल मीडिया पर सुबह करीब 9 बजे से वायरल होना शुरू हुआ. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक अज्ञात व्यक्ति पोस्टमॉर्टम हाउस में एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में है. इस दौरान एक अन्य व्यक्ति वीडियो बना रहा है. वीडियो में साफ नजर आता है कि पोस्टमॉर्टम हाउस में मृत शरीरों के बीच यह गतिविधियां चल रही हैं. वीडियो में आरोप लगाया गया है कि आरोपी व्यक्ति वहां सफाईकर्मी के रूप में काम करता है और महिला को बाहर से बुलाया गया था.
#नोएडा के मुर्दाघर में अय्याशी करने वाला स्वीपर भानुप्रताप सिंह, शेर सिंह और परवेंद्र गिरफ्तार हुए। स्वीपर को स्वास्थ्य विभाग ने नौकरी से निकाला। बाकी दोनों युवक बाहरी थे।
पोस्टमार्टम हाउस में जहां लाशें रखी जाती हैं, वहां ये बाहरी महिला को लाकर रंगरलियां मना रहे थे। https://t.co/aCLMNFAG0m pic.twitter.com/twXQcMkLYy
— PRIYA RANA (@priyarana3101) August 22, 2024
गिरफ्तार किए गए आरोपी
पुलिस अधिकारी के अनुसार, इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है:
- भानु प्रताप (29 वर्ष) - एटा का निवासी और नोएडा के सेक्टर-94 में पोस्टमॉर्टम हाउस के पास रहता है.
- शेर सिंह (39 वर्ष) - अमरोहा का निवासी और पोस्टमॉर्टम हाउस के पास रहता है.
- परवेन्द्र (30 वर्ष) - जेवर का निवासी और वर्तमान में सेक्टर-126, रायपुर में रहता है.
इन तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 296 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 व 67ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
गौतम बुद्ध नगर के जिला अधिकारी, मनीष कुमार वर्मा ने इस घटना के सामने आने के बाद तुरंत मामला दर्ज किया और पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए. इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और इसके लिए पुलिस द्वारा विस्तृत कार्रवाई की जा रही है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी इस मामले पर जवाब देने के लिए कहा गया है, और यह मामला लखनऊ तक पहुंच चुका है. प्रशासन इस घटना की गंभीरता को समझते हुए प्रभावी कदम उठा रहा है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके.