महाराष्ट्र सरकार ने स्टूडेंट्स को दी राहत, अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए नहीं बढ़ेगी स्कूल की फीस, भुगतान के लिए होंगे विकल्प

महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए स्कूल फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. इसके साथ विभाग ने ये भी कहा कि अभिभावकों को शैक्षणिक वर्ष 2019-20 की बाकी फीस देने और 2020-21 की फीस का भुगतान एक बार में करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

स्कूल के स्टूडेंट्स | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) के बीच महाराष्ट्र शिक्षा विभाग (Maharashtra Education Department) ने घोषणा की है कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए स्कूल फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. इसके साथ विभाग ने ये भी कहा कि अभिभावकों को शैक्षणिक वर्ष 2019-20 की बाकी फीस देने और 2020-21 की फीस का भुगतान एक बार में करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें मासिक/तिमाही भुगतान के विकल्प दिए जाने चाहिए.

स्कूल शिक्षा सचिव वंदना कृष्णा ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा, "हमें अभिभावकों से शिकायत मिली है कि कुछ स्कूल उन्हें फीस देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान फीस देना अनिवार्य नहीं करना चाहिए." उन्होंने कहा, "2020-2021 के शैक्षणिक वर्ष के लिए फीस में बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों को पेंडिंग फीस के भुगतान के लिए अभिभावकों को अधिक विकल्प देने होंगे. यह भी पढ़ें- कोरोना संकट: BMC ने अपने कर्मचारियों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए 75 फीसदी स्टाफ ही करेगा काम. 

फीस को लेकर शिक्षा विभाग का निर्देश जारी-

वंदना कृष्णा ने आगे कहा, स्कूल "माता-पिता को पेंडिंग 2019-20 शैक्षणिक वर्ष की फीस और अगले साल की फीस मासिक/तिमाही आधार पर भुगतान करने का विकल्प दें. यदि लॉकडाउन के कारण कुछ संसाधनों का उपयोग नहीं किया जाता है, तो पीटीए कार्यकारी समिति इसकी समीक्षा कर सकती है और माता-पिता को कुछ राहत दे सकती है. स्कूल को ऑनलाइन फीस भुगतान के विकल्प भी उपलब्ध कराने चाहिए."

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार अभिभावकों ने इस कदम पर खुशी जताई. अभिभावकों ने कहा, "हमने इस महीने फीस का भुगतान किया है, लेकिन अगर पीटीए फीस के कुछ हिस्से को कम कर सकता है, तो यह हमारे लिए राहत होगी."

Share Now

\