हैदराबाद: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को यहां राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की बात खारिज कर दी और कहा कि टीआरएस को लोगों को बताना चाहिए कि विधानसभा चुनाव पहले कराने का निर्णय लेकर तेलंगाना पर अतिरिक्त चुनाव खर्च का बोझ क्यों थोपा। शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण के दौरान अलग संदर्भ में राव की सराहना की थी और इसे दोनों पार्टियों के बीच समझ विकसित होने के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
शाह ने भाजपा और टीआरएस के हाथ मिलाने की रपटों का भी खंडन किया. उन्होंने यह जानना चाहा कि टीआरएस ने क्यों राज्य में जल्द चुनाव कराने का फैसला किया, जब यहां लोकसभा व विधानसभा के चुनाव नौ महीने बाद होने वाले थे. यहां भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत करने पहुंचे शाह ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के विचार 'एक देश एक चुनाव' का समर्थन किया था, लेकिन उनके रुख बदलने से वह चकित हैं.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "राव और टीआरएस ने छोटे राज्य पर दो चुनावों का बोझ डाला है. भाजपा का मानना है कि टीआरएस ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों पर करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ डाला है." उन्होंने कहा कि भाजपा टीआरएस और विपक्षी कांग्रेस से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कड़ा मुकाबला करने को तैयार है. ये भी पढ़े: तेलंगाना चुनाव: तैयारियों की समीक्षा के लिए हैदराबाद टीम भेजेगा इलेक्शन कमीशन
शाह ने कहा कि इस बात का कोई मौका नहीं है कि टीआरएस को फिर से बहुमत मिले. उन्होंने कहा, "अगर टीआरएस सरकार दोबारा सत्ता में आती है, तो यह अपनी राजनीतिक तुष्टिकरण की नीति जारी रखेगी." उन्होंने मुस्लिमों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव पास करने और इसकी स्वीकृति के लिए केंद्र के पास भेजने के तेलंगाना सरकार के निर्णय की आलोचना की. ये भी पढ़े: तेलंगाना विधानसभा भंग: राज्यपाल ने मानी केसीआर की सिफारिश, समय से पहले चुनाव का रास्ता साफ
शाह ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान 15,000 करोड़ रुपये दिए जाने की तुलना में बीते चार वर्षो में राज्य को 2.3 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए गए. उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती, बल्कि राजनीतिक तुष्टिकरण का विरोध करती है.