फरीदाबाद (Faridabad) के फास्ट ट्रैक ट्रायल कोर्ट ने शुक्रवार को बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड (Nikita Tomar Murder Case) में दोनों दोषियों तौसीफ (Touseef) और रेहान (Rehaan) को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को तौसीफ और रेहान को निकिता की हत्या का दोषी ठहराया था जबकि मामले में एक आरोपी अजरू को बरी कर दिया. अजरू ने ही तौसीफ और रेहान को वह पिस्तौल मुहैया कराई थी जिससे निकिता का मर्डर किया गया. बता दें कि 5 महीने पहले 26 अक्टूबर 2020 को दोपहर 3:45 बजे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कॉलेज से लौट रही निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. Nikita Tomar Murder Case: आरोपी तौसिफ ने कहा- उसकी शादी और कहीं होने वाली थी इसलिए मारी गोली.
हत्या के 11 दिन बाद ही पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया था. बीकॉम ऑनर्स की छात्रा निकिता की 26 अक्टूबर 2020 को अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की साजिश का आरोप सोहना निवासी तौसीफ, नूंह निवासी रेयान और अजरू पर लगा था, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था.
निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर ने दोषियों ने आरोप बताया था कि दोषी उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करा कर शादी करना चाहते थे लेकिन वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई. निकिता के पिता ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी.
इससे पहले निकिता के ने दोषियों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा था. "हमें कानून के बारे में ज्यादा नहीं पता है, लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. अगर कातिलों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी तो मैं विश्वास करूंगा कि सभी का बलिदान और मेहनत सफल हुई है."