नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अफ्रीकी देश नाइजर में भारतीय नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में सरकार ने नागरिकों को 'जितनी जल्दी हो सके' देश छोड़ने के लिए कहा. मीडिया को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "भारत सरकार नाइजर में चल रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है. मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, जिन भारतीय नागरिकों की उपस्थिति आवश्यक नहीं है, उन्हें जितनी जल्दी हो सके देश छोड़ने की सलाह दी जाती है." अफ्रीकी देश नाइजर में तख्तापलट, सेना ने राष्ट्रपति को बनाया बंदी, सैन्य शासन लागू.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, नाइजर छोड़ने वाले भारतीय यह ध्यान रखें कि हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है. भूमि सीमा से प्रस्थान करते समय, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जा सकती है. जो लोग आने वाले दिनों में नाइजर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी स्थिति सामान्य होने तक अपनी यात्रा योजनाओं पर पुनर्विचार करने की सलाह दी जाती है.'
केंद्र सरकार ने नाइजर छोड़ने के लिए कहा:
#WATCH | MEA spokesperson Arindam Bagchi says, "Government of India is closely monitoring ongoing developments in Niger. In light of the prevailing situation, Indian nationals whose presence is not essential are advised to leave the country as soon as possible. They may bear in… pic.twitter.com/vjqzqxdyY2
— ANI (@ANI) August 11, 2023
दरअसल, हाल ही में सेना ने नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम का तख्तापलट किया है. नाइजर में तख्तापलट के बाद जंग के हालात बन रहे हैं. तख्तापलट करने वाले जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी के हाथ में कमान आने के बाद अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम पर जान का खतरा बना हुआ है, इस बीच पड़ोस के जो देश इस मामले में दखल देना चाहते हैं उन्हें युद्ध की चेतावनी दे दी गई है.
लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राष्ट्रपति अब भी नजरबंद हैं. तख्तापलट से देश का भविष्य क्या होगा और आगे के कदम को लेकर अस्पष्टता की स्थिति बनी हुई है. नाइजर दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में है जहां पर उच्च गरीबी दर और अस्थिरता तथा तख्तापलट का इतिहास रहा है.