शिवमोग्गा (कर्नाटक), 3 सितंबर : शिवमोग्गा में वीर सावरकर की तस्वीर (फ्लेक्स) लगाने को लेकर विवाद के बाद कर्नाटक सरकार ने चाकू मारने के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया है. गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शनिवार को कहा, "वीर सावरकर की तस्वीर हटाने के सिलसिले में प्रेम सिंह को चाकू मारे जाने की घटना जल्द ही एनआईए को सौंप दी जाएगी." गृहमंत्री ने कहा, "चाकू मारने के मामले में मुख्य आरोपी जबीउल्ला के आतंकवादियों के साथ संबंध की बात सामने आई है."
कर्नाटक पुलिस ने 15 अगस्त को चाकू मारने के मामले में मुख्य आरोपी जबीउल्ला को पैर में गोली मार दी थी. पुलिस की गोलीबारी ने शिवमोग्गा में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने में मदद की थी, जिससे नियंत्रण से बाहर जाने की धमकी दी गई थी. जबीउल्ला शिवमोग्गा के मरनामीबेल का रहने वाला है. पुलिस की एक विशेष टीम ने पुख्ता जानकारी हासिल करने के बाद मुख्य आरोपी जबीउल्ला को गिरफ्तार किया था. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो आरोपी ने कथित तौर पर उन पर हमला करने की कोशिश की और उसे पुलिस निरीक्षक मंजूनाथ कुरी ने पैर में गोली मार दी. यह भी पढ़ें : डब्ल्यूटीए ने सेरेना के प्रेरणादायक करियर का किया सम्मान
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मेगन अस्पताल पहुंचाया. बाद में इलाज के बाद आरोपी जबीउल्ला को अस्पताल के जेल वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया. एडीजीपी आलोककुमार ने कहा था कि आरोपी के राजनीतिक संबंध या किसी संगठन से जुड़ाव की जांच की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि मामला दर्ज करने के अलावा जिला आयुक्त से चर्चा कर आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का निर्णय लिया जाएगा. जबीउल्ला ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 20 वर्षीय प्रेम सिंह को उसके घर के सामने खड़े होकर चाकू मार दिया था. उसे शिवमोग्गा के मेगन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पुलिस के अनुसार, भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में शिवमोग्गा शहर के अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर की तस्वीर लगाई थी. हालांकि, कुछ युवाओं ने इसका विरोध किया और सावरकर की तस्वीर छीन ली. उन्होंने उसके स्थान पर टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाने का प्रयास किया, जिस पर विवाद छिड़ गया. इस हिंसा में युवक को चाकू मारने की एक और घटना सामने आई है. गांधी बाजार इलाके में दुकान मालिक 27 वर्षीय प्रवीण अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहा था, तभी शिवमोग्गा में उसे चाकू मार दिया गया. इससे पहले बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के बाद शिवमोग्गा शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.