नई दिल्ली, 1 दिसंबर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश के माओवाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को घातक विस्फोटक, ड्रोन और अन्य उपकरणोंं की आपूर्ति करने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ शुक्रवार को आरोप पत्र दायर किया. एनआईए के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि सभी आठ आरोपी आईपीसी, टीएसपीएस अधिनियम, ईएस अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कई धाराओं के तहत गिरफ्तारी के बाद हिरासत में हैं.
अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन के लिए कूरियर के रूप में काम करने वाले उनमें से तीन को विस्फोटक, ड्रोन और एक लेथ मशीन की आपूर्ति करने के लिए जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था, जबकि अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा, “एनआईए जांच में पाया गया कि गिरफ्तार किए गए तीन लोगों - पुनेम नागेश्वर राव, देवनुरी मल्लिकार्जुन राव और वोलेपोगुला उमाशंकर के कब्जे से बरामद विस्फोटक सामग्री उन्हें आरोपी जन्नू कोटि, अरेपल्ली श्रीकांत, तल्लापल्ली अरोग्यम और बोन्था महेंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई थी. "कोटि, श्रीकांत, आरोग्यम और महेंद्र ने सोनाबोइना कुमारस्वामी से सामान खरीदा था, जिनके पास विस्फोटकों का कारोबार करने का लाइसेंस था." यह भी पढ़ें : दिल्ली के उपराज्यपाल ने 83 और प्रतिष्ठानों को 24 घंटे काम करने की अनुमति के प्रस्ताव को मंजूरी दी
अधिकारी ने कहा कि जांच में पाया गया कि पुनेम, देवानुरी और वोलेपोगुला की कूरियर तिकड़ी ने मार्च 2023 में माओवादियों के लिए एक ड्रिलिंग मशीन खरीदी और आपूर्ति की थी. उन्होंने कहा, "उन्होंने लंबे समय तक तथाकथित 'जनयुद्ध' के माध्यम से भारत सरकार को उखाड़ फेंकने के कथित उद्देश्य के साथ विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में शामिल वामपंथी चरमपंथी संगठन भाकपा (माओवादी) को आपूर्ति करने के लिए मई 2023 में एक लेथ मशीन खरीदी थी. इन आरोपियों ने मई 2023 में माओवादियों के लिए एक ड्रोन भी खरीदा था, जिसका उद्देश्य जंगल के अंदर सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर जासूसी करना था."
अधिकारी ने कहा कि उन्हें अपने सह-आरोपियों से सुरक्षा बलों पर हिंसक हमले करने के लिए विस्फोटक सामग्री भी मिली, जिसे आरोपी भूमिगत माओवादियों को आपूर्ति की जानी थी. एनआईए की जांच में पता चला है कि गिरफ्तारी के समय तीनों आरोपी अपने साथ जो नकदी ले जा रहे थे, उसका इस्तेमाल "देसी हथियारों के निर्माण" में किया जाना था, जिसे माओवाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों के खिलाफ तैनात किया जाना था. इस साल 5 जून को तेलंगाना के चेरला थाने में मामला दर्ज किया गया था और 3 अगस्त को एनआईए ने केस अपने कब्जे में ले लिया.