Volkswagen को NGT ने दिया बड़ा झटका, कहा- कल शाम तक जमा कराएं 100 करोड़, नहीं तो जब्त हो जाएगी भारत में कंपनी की सारी प्रॉपर्टी
एनजीटी ने दिया फॉक्सवैगन को झटका (Photo Credits: File Pic/Pixabay)

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गुरुवार को जर्मनी (Germany) की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन (Volkswagen) को जबरदस्त झटका दिया है. दरअसल, दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर लोगों की सेहत को हुए नुकसान पर एनजीटी ने यह कदम उठाया है. एनजीटी ने फॉक्सवैगन को उत्सर्जन मामले (Emission Case) में शुक्रवार शाम पांच बजे तक 100 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है या फिर दंडात्मक कार्रवाई का सामना करने की बात कही है जिसमें कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन के भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) को गिरफ्तार किया जा सकता है और देश में कंपनी की सभी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है.

एनजीटी की चार सदस्यीय समिति ने बुधवार को फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी. कंपनी पर यह जुर्माना अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) के उत्सर्जन के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य को हुए नुकसान को लेकर लगाया गया था. विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि फॉक्सवैगन की कारों ने राष्ट्रीय राजधानी में 2016 में लगभग 48.68 टन एनओएक्स उत्सर्जन किए.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अतिरिक्त एनओएक्स उत्सर्जन के कारण स्वास्थ्य को नुकसान हुआ और दिल्ली को जैसे महानगरों को आधार मानते हुए मूल्य के हिसाब से यह नुकसान करीब 171.34 करोड़ रुपये का है. यह आंकड़ा मोटा-मोटी हो सकता है. इसका कारण देश में पर्यावरण पर नाइट्रोजन ऑक्साइड के कुल प्रभाव के आकलन के तरीकों का अभाव होना है. इसीलिए केवल स्वास्थ्य नुकसान का आकलन किया गया है.

नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु प्रदूषित करता है और यह हृदय और फेंफड़े की बीमारी का कारण है. समिति ने एनजीटी से कहा कि नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत वाहन हैं. नाइट्रोजन ऑक्साइड का सबसे प्रमुख और प्रचलित रूप नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है. उसने कहा कि हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की अत्यधिक मात्रा से अस्थमा होने का खतरा है और इससे श्वसन संबंधी बीमारी बढ़ सकती है. यह भी पढ़ें- पीएम नरेंद्र मोदी आज से तीन दिन की गुजरात यात्रा पर, वाइब्रेंट गुजरात समिट का करेंगे उद्घाटन, विदेशी नेताओं से भी मिलेंगे

समिति के अनुसार, मूल्य का आकलन शहर में लोगों की प्रति व्यक्ति आय के आधार पर की गई है. वहीं मौद्रिक अनुमान के लिए मृत्यु दर को लेकर सांख्यिकी जीवन का उपयोग किया गया है. जुर्माने का निर्धारण भारत में फॉक्सवैगन की 3.27 लाख कार के आधार पर किया गया है. इन कारों में उत्सर्जन को छिपाने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया था.

भाषा इनपुट