
65 वर्षीय न्यूजीलैंड की नर्स क्लेयर ऑल्सन को जब बताया गया कि उन्हें डबल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए या तो 5 साल तक इंतजार करना होगा या फिर 80,000 डॉलर खर्च करने होंगे, तो उन्होंने एक अलग रास्ता चुना. ऑल्सन ने मुंबई आकर महज 20,000 डॉलर में रोबोटिक हिप सर्जरी करवाई और सिर्फ दो दिन में चलने लगीं. उनका कहना है, “मैं भारत आने से नहीं डर रही थी, बल्कि हमारे देश का हेल्थ सिस्टम खुद थर्ड वर्ल्ड जैसा लगता है.”
क्लेयर ऑल्सन 40 वर्षों से नर्सिंग के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्हें अत्यधिक आर्थराइटिस था और चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था. लेकिन जब उन्होंने सर्जरी के लिए सरकारी अस्पताल में आवेदन किया, तो उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि 5 साल तक इंतजार करना होगा. प्राइवेट अस्पताल से जो कोटेशन मिला, वह भी चौंकाने वाला था 80,000 डॉलर सिर्फ साधारण डबल हिप रिप्लेसमेंट के लिए. रोबोटिक सर्जरी के लिए और भी ज्यादा खर्च बताया गया.
भारत में वर्ल्ड क्लास इलाज
क्लेयर ऑल्सन ने मुंबई में एक प्राइवेट अस्पताल में डॉ. मुदित खन्ना से संपर्क किया, जो रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट में विशेषज्ञ हैं और UK, जर्मनी और अमेरिका में काम कर चुके हैं. सर्जरी के महज दो दिन बाद ऑल्सन बिना दर्द के क्रच के सहारे चलने लगीं, और 20 दिन में बिना सहारे के चलने लगीं. उन्होंने बताया, “रोबोटिक तकनीक ज्यादा सटीक होती है और मांसपेशियों को नुकसान नहीं पहुंचाती. इससे रिकवरी जल्दी होती है.”
भारतीय अस्पतालों की तारीफ
ऑल्सन अकेली नहीं आई थीं. उनकी दोस्त और ट्रैवल एजेंट जैकी ब्राउन भी साथ आई थीं. जैकी ने कहा, “यह सबसे बेहतरीन अस्पताल था, जो मैंने देखा. हर दो घंटे में कमरा साफ होता था, नर्सें लगातार ध्यान रखती थीं, और डॉक्टर बार-बार विजिट करते थे.”
न्यूजीलैंड में अभी भी नई है रोबोटिक सर्जरी
न्यूजीलैंड में 2023 में पहली बार रोबोटिक हिप सर्जरी की गई. लेकिन अब तक सिर्फ एक सरकारी अस्पताल में यह सुविधा है, वो भी सेमी-प्राइवेट सेटअप में. डॉक्टर एंथनी माहेर ने कहा, “भारत में इतने कम खर्च में ऐसी सर्जरी होना हैरान करने वाला है. यहां तो एक हिप रिप्लेसमेंट पर ही 20,000 से 30,000 डॉलर लगते हैं, वो भी बिना अस्पताल खर्च और रिकवरी के.”
स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्री साइमोन ब्राउन ने कहा, “लोगों को लंबे समय तक दर्द और अनिश्चितता में नहीं रहना चाहिए. हम सर्जरी की वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए प्राइवेट प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.”
ऑल्सन की सलाह: डरिए मत, रिसर्च कीजिए
ऑल्सन ने कहा, “अगर आप विदेश में इलाज करवाने की सोच रहे हैं, तो रिसर्च करें, सर्जन की प्रोफाइल जांचें, अकेले मत जाएं. लेकिन भारत से मत डरिए. यहां के प्राइवेट अस्पताल शानदार हैं.” उन्होंने कहा कि भारत को लोग अब भी "डेवलपिंग कंट्री" मानते हैं, लेकिन हेल्थकेयर के मामले में भारत, न्यूजीलैंड से आगे है. "असल में, हम हैं जिनका हेल्थ सिस्टम थर्ड वर्ल्ड जैसा है," ऑल्सन ने मुस्कुराते हुए कहा.