शिलांग: चारों तरफ खूबसूरत हरी-भरी पहाड़ियां, हजारों फीट ऊपर से गिरते फाल्स, हरे-हरे बांस के वृक्ष, प्रकृति रचित रूट ब्रिज, कल-कल करती छोटी-छोटी नदियां किसी को भी सम्मोहित कर सकती हैं. यहां हम बात कर रहे है देश के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय (Meghalaya) की. 21 जनवरी 1972 को उत्तर पूर्वी क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के अंतर्गत पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद मेघालय अस्तित्व में आया था. इससे पहले यह असम का हिस्सा था. असम के दो जिलों जयंतिया हिल्स और युनाइटेड खासी हिल्स को लेकर मेघालय राज्य का गठन किया गया था. पूर्ण राज्य का दर्जा पाने के पहले मेघालय को सन् 1970 में अर्ध-स्वायत्त राज्य का दर्जा दिया गया था. मेघालय में बनेगा मेगा फूड पार्क, 65.29 करोड़ रुपये की परियोजना को केंद्र ने दी हरी झंडी
पर्यटन के दृष्टिकोण से मेघालय सचमुच किसी स्वर्ग से कम नहीं. मेघालय की प्राकृतिक आबोहवा को देखते हुए लगता है, प्रकृति ने इसे फुरसत में गढ़ा होगा. मेघालय का शाब्दिक अर्थ है 'बादलों का घर'. ऊंची-ऊंची पहाड़ियों की गोद में छुपी इसकी राजधानी शिलांग जो 'पूर्व के स्कॉटलैंड' के नाम से मशहूर है.
मेघालय का राजनीतिक इतिहास भी बेहद रोचक है. 2 अप्रैल 1970 में ऑल पार्टी हिल लीडर्स कांफ्रेंस पार्टी के विलयमसन ए संगमा मेघालय के प्रथम मुख्यमंत्री मनोनीत हुए थे. वर्तमान में मेघालय में शासन की कमान मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा (Conrad Sangma) हैं के पास है. जिन्होंने अपने बलबूते संघर्ष कर राजनीति की डगर तैयार की. कॉनरॉड कॉलेज के समय से ही राजनीति में संलग्न रहे. हालांकि उनके पिता स्वर्गीय पीए संगमा भारतीय राजनीति में एक लोकप्रिय शख्सियत थे.
मेघालय के चहुतरफा विकास के लिए कृतसंकल्प-
प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा मेघालय को चहुतरफा विकास दिलाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उनकी अगुवाई में मेघालय तेजी से विकास कर रहा है. राज्य में फिलहाल एकमात्र हवाई अड्डा उमरोई में हैं, जो शिलांग से 35 किमी दूर है. कॉनरॉड के अनवरत प्रयास से दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मेघालय से शिलांग के लिए फ्लाइट सेवा शुरू करने की योजना अंतिम दौर में है. उम्मीद है शिलांग-दिल्ली की उड़ान सेवा शीघ्र ही शुरू होगी. हाल ही में शिलांग में गवर्नमेंट कॉलेज के नए कॉलेज भवन की आधारशिला रखी गई. एमडीए सरकार राज्य भर में सीखने के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप कर रही है, हमारे युवाओं और हमारे लोगों के लिए हमारे वादे को पूरा कर रही है. कॉनरॉड की योजना मेघालय पर्यटन को भी बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश कर रही है.
अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के लिए टास्क फोर्स-
कोरोना वायरस महामारी से हुए आर्थिक नुकसान को देखते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा ने राज्य की अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के लिए एक 'टास्क फोर्स' का गठन किया. जिसकी सिफारिशों के आधार पर 'रीस्टार्ट मेघालय मिशन' शुरू है. यह विभिन्न क्षेत्रों और सेक्टरों में काम करने वाले किसानों, उद्यमियों और अन्य लोगों की के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है. मिशन के लिए अगले तीन वर्षों में 14,515 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) के लिए 7,839 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है.
सीएम कॉनरॉड संगमा की अगुवाई में राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रही है जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना शामिल हैं. राज्य सरकार 'जल जीवन मिशन' को भी आगे बढ़ा रही है और 2022 तक राज्य के 5,89,000 परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है.
मिनी पॉवर परियोजनाएं-
मेघालय के मुख्यमंत्री पूर्वोत्तर के राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहते है. इसी क्रम में 16 मिनी पॉवर परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं. इसकी कुल बिजली निर्माण क्षमता 1,637 मेगावाट होगी. 1,637 मेगावाट की क्षमता वाली 16 निर्माणाधीन पॉवर परियोजनाओं में 801 मेगावाट की हाइड्रो-इलेक्ट्रिक, 740 मेगावाट की थर्मल पॉवर और 96 मेगावाट की विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जास्रोत पर आधारित होंगी.
देश की सबसे बड़ी पिगरी परियोजना लॉन्च-
मेघालय सरकार ने 200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार देश की सबसे बड़ी पिगरी परियोजना का शुभारंभ दो महीने पहले किया. मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा ने उम्मीद जताई है कि इस परियोजना से ना केवल 20,000 उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों की भी आय बढ़ेगी. जबकि राज्य का आयात बोझ करीब 150 करोड़ रुपये तक कम हो जायेगा.
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी-
मेघालय में 2022 में होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां चल रही है. राष्ट्रीय खेलों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए केंद्र सरकार भी राज्य को 170 करोड़े रुपये दे रही है. मणिपुर (1999) और असम (2007) के बाद मेघालय राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करने वाला तीसरा पूर्वोत्तर राज्य होगा. इन खेलों के आयोजन के समय मेघालय के 50 साल भी पूरे हो जाएंगे. मेघालय ने असम के साथ 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों की सह-मेजबानी की थी.