नई दिल्ली, 29 जनवरी : एबीवीपी ने नीट-पीजी तथा जेईई (NEET-PG and JEE) आदि परीक्षाओं के आयोजन में अव्यवस्थाएं, अर्हता संबंधी बदलाव तथा तय समय पर परीक्षा कैलेंडर जारी न करने आदि समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की है. छात्रों ने केन्द्र सरकार से शिक्षा क्षेत्र के लिए जीडीपी का 6 प्रतिशत बजट निर्धारित करने की मांग की. छात्रों के मुताबिक इसमें से 2 प्रतिशत बजट उच्च शिक्षा तथा शोध के लिए निर्धारित होना चाहिए. दरअसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में शिक्षा क्षेत्र तथा समसामयिक विषयों से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर यह चर्चा हो रही है. शनिवार को शुरू हुई कार्यसमिति की बैठक रविवार 29 जनवरी को भी जारी है.
एबीवीपी ने मांग की है कि शिक्षा नीति में वर्णित विभिन्न संस्थानों को मूर्त रूप देने के लिए केन्द्र सरकार चरणबद्ध तरीके से बजट जारी करे. राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रों की बड़ी संख्या के अनुरूप संसाधनों के अभाव, बुनियादी ढांचे की कमी आदि के संदर्भ में एबीवीपी ने मांग की है कि राज्य सरकारें शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए इन राज्य विश्वविद्यालयों की स्थिति को बेहतर करें. एबीवीपी का स्पष्ट मानना है कि राज्य विश्वविद्यालयों के प्रति सरकारी उदासीनता की स्थिति बदलनी चाहिए. यह भी पढ़ें : एक सीट से मिशन 2023 तक बीजेपी ने अपने लिए तय किया है बड़ा लक्ष्य
हाल ही में जारी हुए विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय परिसर स्थापित करने संबंधी यूजीसी के मसौदे पर एबीवीपी ने सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा करने तथा उनके सुझावों को शामिल करने की मांग की है. बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के संबंध में एबीवीपी का मत है कि यह वृत्तचित्र पक्षपातपूर्ण, औपनिवेशिक पिछलग्गूपने का स्पष्ट प्रतीक है तथा विभिन्न पक्षों से जब भारत मजबूत हो रहा है तब बीबीसी की हालिया डॉक्यूमेंट्री भारत की छवि को झूठ के आधार पर धूमिल करने का प्रयास करती है.
एबीवीपी की पूर्वोत्तर के युवाओं को शेष भारत से परिचित कराने आदि उद्देश्यों से सन 1966 से चल रही अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन (सील) यात्रा इस वर्ष 1 फरवरी से शुरू होगी. इस यात्रा में इस वर्ष 450 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे. यह 'राष्ट्रीय एकात्मकता यात्रा' देशभर के 64 स्थानों से होकर गुजरेगी तथा भारत के सम्पूर्ण स्वरूप से प्रतिनिधियों का परिचय करवाएगी.
एबीवीपी ने 'ज्ञात-अज्ञात हुतात्मा' नामक अभियान द्वारा देशभर में अभियान चलाया था, जिसमें सर्वेक्षण के माध्यम से भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारियां इकट्ठा की गईं. आगामी 23 मार्च को दिल्ली में इन स्वतंत्रता सेनानियों को स्वराज 75 कार्यक्रम के माध्यम से एबीवीपी श्रद्धांजलि अर्पित करेगी तथा विभिन्न माध्यमों से इन विस्मृत स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में देश को बताएगी. एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ोतरी नितांत आवश्यक है, यह निवेश निश्चित ही देश के विकास की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन करने वाला होगा.