National Vaccination Day 2021: 16 मार्च को ही क्यों मनाते हैं 'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस'? जानें कोविड-19 के टीकाकरण में भारत विश्व में किस स्थान पर है?

टीकाकरण की उपयोगिता को पूरे देश में प्रसारित कर लोगों जागरुक बनाने के उद्देश्य से हर वर्ष 16 मार्च को 'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस' मनाया जाता है. इस वर्ष इस दिवस विशेष की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि गत वर्ष विश्व की सबसे बड़ी महामारी बनकर उभरी कोविड-19 से प्रतिरक्षण के लिए टीकाकरण की शुरुआत इसी वर्ष हुई है.

National Vaccination Day 2021 (File Photo)

हिंदुस्तान में हर मां अपने नवजात शिशु की अच्छी सेहत के लिए जो पहला काम करती है, वह है उसका चरणबद्ध तरीके से उसका टीकाकरण (Vaccination). इस तरह किसी भी इंसान के लिए  टीकाकरण की महत्ता को समझा जा सकता है. टीकाकरण की उपयोगिता को पूरे देश में प्रसारित कर लोगों जागरुक बनाने के उद्देश्य से हर वर्ष 16 मार्च को 'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस' मनाया जाता है. इस वर्ष इस दिवस विशेष की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि गत वर्ष विश्व की सबसे बड़ी महामारी बनकर उभरी कोविड-19 से प्रतिरक्षण के लिए टीकाकरण की शुरुआत इसी वर्ष हुई है. हालिया समाचारों के अनुसार हमारे देश में अब तक तीन करोड़ से ज्यादा भारतीयों को कोविड-19 का टीका लगवाया जा चुका है. इतनी बड़ी संख्या में टीकाकरण करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन चुका है. आइये जानें राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के संदर्भ में कुछ अहम बातें.

16 मार्च को ही क्यों?

भारत में 'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस' की शुरुआत 16 मार्च 1995 में हुई थी, जब पहली बार पल्स पोलियो कार्यक्रम के एक आयोजन में पोलियो के खिलाफ एक ओरल वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी. भारत 1995 से हर वर्ष 16 मार्च को पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इस 'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस' मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य देश को पोलियोरहित बनाना था, जिसके लिए पूरे देश में जागरुकता अभियान की सख्त जरूरत थी.

पोलियो ही नहीं और भी कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनका टीकाकरण अगर सही समय पर नहीं किया जाता है, तो यह घातक साबित हो सकता है. हमारे देश में कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं किन्हीं कारणवश समय पर टीकाकरण नहीं करवा पाते, जो आगे जाकर इनकी सेहत पर दुष्प्रभाव डालता है. इसीलिए प्रत्येक वर्ष 16 मार्च के दिन राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की मदद से टीकाकरण की आवश्यकताओं पर लोगों को जागरुक किया जाता है.

'राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस!' क्या रहा हश्र?

खतरनाक संक्रामक रोगों को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है. दुनिया भर से बड़ी मात्रा में चेचक, पोलियो, खसरा और टेटनस जैसी बीमारियों का निवारण करने में टीकाकरण बहुत मददगार साबित हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक विज्ञप्ति के अनुसार दुनिया भर में करीब 25 निवारण योग्य इन्फेक्शन के लिए प्रमाणित टीके उपलब्ध हैं.

हर्ष की बात यह है कि भारत द्वारा राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के माध्यम से संपूर्ण भारत पोलियो पर नियंत्रण रखने में सौ प्रतिशत सफल रहा है. WHO के अनुसार भारत में पोलियो के रोगियों का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को सामने आया था. 27 मार्च 2014 को, WHO ने भारत को पोलियो मुक्त देश के रूप में प्रमाणित किया था.

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