नई दिल्ली, 21 सितंबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से पिछले महीने मुस्लिम समुदाय से जुड़े पूर्व अधिकारियों और बुद्धिजीवियों के एक समूह ने मुलाकात कर देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के माहौल को लेकर चर्चा की. मुस्लिम समुदाय से जुड़े पांच महत्वपूर्ण लोगों के समूह के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत की डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक चली चर्चा में देश के माहौल को लेकर और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत बनाने के उपायों को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई. मोहन भागवत से मुलाकात करने वाले मुस्लिम बुद्धिजीवियों के समूह में शामिल पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने आईएएनएस को भागवत के साथ हुई मुलाकात का एजेंडा बताते हुए कहा कि देश के सांप्रदायिक माहौल को लेकर उन्होंने संघ प्रमुख से मिलने का समय मांगा था. उन लोगों के अनुरोध पर ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उनके समूह से पिछले महीने 22 अगस्त को दिल्ली में मुलाकात की थी.
आईएएनएस से बात करते हुए एस. वाई. कुरैशी ने आगे बताया कि, उनके समूह ने संघ प्रमुख को देश के माहौल के बारे में जानकारी दी और दोनों ही पक्ष इस बात को लेकर एकमत थे कि समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत किए बिना देश न तो मजबूत हो सकता है और न ही प्रगति कर सकता है. उन्होंने बताया कि बैठक में इस बात को लेकर भी सहमति बनी की देश में सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत बनाने के लिए सभी पक्षों को अपने-अपने लोगों को समझाने और प्रेरित करने के लिए कार्य करना चाहिए. यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में बाघ ने 14 साल के लड़के को मार डाला, धरना-प्रदर्शन
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी के अलावा दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग , अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दकी और उद्योगपत्ति एवं समाजसेवी सईद शेरवानी सहित पांच लोगों ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी.