
Mumbai Stray Dog Survey: मुंबई में रहने वाले लोगों के लिए एक राहत भारी खबर है. आवारा कुत्तों को लेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनेल/इंडिया (HSI/India) के सहयोग से एक सर्वे करवाया, जिसमें पता चला कि पिछले दस सालों में मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या में गिरावट
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में मुंबई में कुल आवारा कुत्तों की संख्या 95,172 थी, जो हर किलोमीटर पर औसतन 10.54 कुत्तों के बराबर थी. वहीं, 2024 में यह संख्या घटकर 90,757 हो गई, जो कि हर किलोमीटर पर 8.01 कुत्ते हैं. इस सर्वेक्षण में मुंबई की कुल सड़क लंबाई 930 किलोमीटर को कवर किया गया था. यह भी पढ़े: Ulhasnagar Stray Dog Attack: उल्हासनगर नगर निगम का फैसला, कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों के बाद नसबंदी फिर से करेंगी शुरू
मुंबई के 19 वार्ड में संख्या हुई कम
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बीएमसी के 19 वार्डों में आवारा कुत्तों की संख्या में औसतन 31% की गिरावट आई, जबकि कुछ कुछ वार्डों में कुत्तों की संख्या में वृद्धि भी देखी गई. चार वार्डों, जिसमें वार्ड ई (भायखला), एन (घाटकोपर), आर साउथ (कांदिवली), और टी (मुलुंड) में कुत्तों की संख्या में 19.9% की वृद्धि हुई. वहीं, डी (मालाबार हिल) वार्ड में कुत्तों की संख्या जस की तस रही.
नसबंदी के चलते संख्या में आई गिरावट
बीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि कुत्तों की संख्या में यह कमी नसबंदी कार्यक्रमों की वजह से आई है, जिसे पिछले दस सालों में बड़े पैमाने पर लागू किया गया था. इसके परिणामस्वरूप कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण पाया गया है.
बीएमसी ने यह भी बताया कि के/पश्चिम (अंधेरी, जुहू) में आवारा कुत्तों की संख्या में 70% की गिरावट आई है, जबकि एच/पश्चिम (बांद्रा पश्चिम) में 68% और एच/पूर्व (बांद्रा पूर्व) में 59% की गिरावट आई है. इसके बावजूद, टी वार्ड में कुत्तों की आबादी में 37% की वृद्धि देखी गई, और ई वार्ड में यह 22% बढ़ी.
सर्वे के बाद BMC ने जारी किया रिपोर्ट
कुत्तों के सर्वे करने के बाद बीएमसी डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर चंदा जाधव (BMC Deputy Municipal Commissioner Chanda Jadhav) ने गुरुवार को कुत्तों के सर्वे को लेकर रिपोर्ट जारी किया. जिस रिपोर्ट में पता चलता है कि पिछले एक दशक में आवारा कुत्तों की संख्या में आई कमी आई हैं. वह नसबंदी के चतले संभव हुआ हैं.