देश इस वक्त मुश्किल वक्त से गुजर रहा है. जिससे उबरने के लिए हर के शख्स का सहयोग बेहद जरुरी है. क्योंकि कोरोना वायरस से मात देने के लिए सभी को एक साथ होना होगा. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के ऐलान के बाद मुबंई के बांद्रा (Bandra) में भारी संख्या में प्रवासी मजदूर जमा हो गए थे. बांद्रा में इकठ्ठा हुए लोगों की संख्या तकरीबन 3000 के करीब थी. इस घटना के बाद शहर में हड़कंप तो मचा ही राज्य सरकार के माथे पर बल आ गया. वहीं भीड़ को हटाने के लिए पुलिस के बड़े अधिकारीयों समेत पूरी टीम मौके पर पहुंच गई. बल प्रयोग कर के उन्हें तितर-बितर किया गया. लेकिन उसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई कि इसके पीछे कौन लोग थे और कैसे अचानक इतनी भीड़ इकठ्ठा हुई. इस मामले में पुलिस ने एक शख्स विनय दुबे और तकरीबन 1000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
वहीं इस घटना में ताजा जानकारी देते हुए मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने जानकारी देते हुए कहा कि बांद्रा में कल जमा हुए लोगों के सिलसिले में 3 लोगों पर FIR दर्ज की गई हैं. उन्होने कहा कि हम वीडियो और बाकी डिटेल्स देख रहे हैं. 3 मामलों में से एक में आरोपी विनय दुबे को गिरफ्तार कर 21अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
3 FIRs registered in connection with yesterday's gathering in Bandra. We are looking into the videos&all details. In connection with one of the 3 cases, one accused Vinay Dubey has been arrested&sent to police custody till 21 April: Abhishek Trimukhe DCP (Zone IX), Mumbai Police pic.twitter.com/ufqCmhrN7d
— ANI (@ANI) April 15, 2020
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और जोर दिया कि कोविड-19 के संकट की इस स्थिति में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए. बता दें कि इस मामले ने अब सियासी रंग ले लिया है. बीजेपी जहां लगातार इस मुद्दे को लेकर सूबे की सरकार को घेर रही है.
बता दें कि महाराष्ट्र: राज्य में आज कोरोना वायरस के 117 नए मामले सामने आए हैं, इनमें 66 मामले मुंबई से हैं और 44 पुणे से. इसी के साथ महाराष्ट्र में अब कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 2,801 है.