25 फरवरी गुरूवार के दिन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास के बाहर खड़ी कार में जिलेटिन पाया गया था, अब एसीपी नितिन अल्कुरे (ACP Nitin Alkure) द्वारा इस मामले की जांच की जाएगी. मुंबई क्राइम ब्रांच ने 800 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की और 30 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए, लेकिन सफेद इनोवा के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिली. बता दें कि दक्षिण मुंबई में बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के आवास के पास खड़े एसयूवी कार में विस्फोटक पाए गए थे. पुलिस को कार के अंदर लेटर भी मिला जिसमें लिखा था कि यह तो सिर्फ ट्रेलर है और भी बहुत कुछ बाकी है.
गुरुवार शाम को अंबानी के बहु-मंजिला आवास 'एंटीलिया' के पास कार्मिकेल रोड पर लगभग 2.5 किलोग्राम जिलेटिन की छड़ें वाली एसयूवी पाई गई. हालांकि, कोई विस्फोटक उपकरण, डेटोनेटर या बैटरी अंदर नहीं था, पुलिस ने कहा. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि गुरुवार की तड़के एसयूवी वहां पार्क किया गया था, और गाड़ी का ड्राईवर दूसरी कार में चला गया जो उसके साथ घटनास्थल पर आई थी. यह भी पढ़ें: अंबानी के घर के बाहर वाहन खड़ा करने की जिम्मेदारी लेने वाला पत्र फर्जी हो सकता है: पुलिस
देखें ट्वीट:
Case where gelatin was found in a car parked outside Mukesh Ambani's residence, will now be probed by ACP Nitin Alaknure. Police has examined over 800 CCTV footage & recorded statements of over 30 people but no info regarding white Innova received: Crime Branch officials, Mumbai
— ANI (@ANI) March 3, 2021
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाहन के मालिक हिरेन मनसुख ने घटना के बाद दोपहर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने अंबानी के घर के पास एसयूवी की वीडियो देखि जो उनके कार की तरह दिखाई दे रही थी. ठाणे के निवासी मनसुख ने बताया कि उन्होंने 17 फरवरी को एरोली मुलुंड ब्रिज के पास स्टीयरिंग जाम हो जाने के बाद एसयूवी को खड़ा किया था. वो एक फैमली फंक्शन में जा रहे थे. उन्होंने कहा,'अगले दिन, जब मैं अपनी कार लेने गया, तो वह वहां नहीं थी, जिसके बाद मैंने विक्रोली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
गाड़ी में धमकी भरा लेटर ड्राईवर की सीट के बगल में नीले रंग के बैग में था, जबकि जिलेटिन की छड़ें उसके निर्माता, "सौर उद्योग, नागपुर" के नाम के पैकेट में रखी हुई थीं. पुलिस ने बताया कि हिंदी में लेटर रोमन शब्दों में लिखा गया था, पुलिस ने कहा कि लेटर में शब्दों की गलती थी, जो लिखने वाले की पहचान को छिपाने का प्रयास प्रतीत हो रहा था.