कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कार्रवाई कर सकता है, जो कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत सिद्धारमैया पर केस दर्ज करने की तैयारी कर रहा है. ईडी इस प्रक्रिया में आरोपी को पूछताछ के लिए बुला सकती है और उनके संपत्तियों को जब्त भी कर सकती है.
क्या है MUDA स्कैम? जानें इस केस में कैसे बढ़ीं कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की मुश्किलें.
इससे पहले पिछले हफ्ते लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, बहनोई मल्लीकार्जुन स्वामी और देवराजू का नाम शामिल है. आरोप है कि स्वामी ने देवराजू से ज़मीन खरीदी थी और बाद में इसे मुख्यमंत्री की पत्नी को उपहार में दिया था.
MUDA घोटाला एक गंभीर मामला है, जिसमें सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण और संपत्ति के गलत उपयोग का आरोप है. लोकायुक्त पुलिस की FIR के बाद अब ED इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिए से देख रही है. प्रवर्तन निदेशालय, जो आर्थिक अपराधों की जांच करता है, के पास ऐसे मामलों में आरोपी को बुलाने, संपत्ति जब्त करने और जांच प्रक्रिया के तहत कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है.
इस मामले में ED की संभावित कार्रवाई कर्नाटक की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है, खासकर तब जब सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद पर हैं. घोटाले के आरोपों और जांच के बीच उनकी राजनीतिक छवि और सरकार की स्थिरता पर असर पड़ सकता है.