मोरबी (गुजरात), 30 अक्टूबर: मोरबी पुल टूटने की त्रासदी में कम से कम 77 लोगों की मौत हो गई. हादसे को लेकर सरकार एक्शन में है, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को एक आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. Morbi Bridge Collapse: मरम्मत के बाद 4 दिन पहले ही खोला गया था मोरबी पुल, देखते ही देखते 'काल' बन गया केबल ब्रिज
एसआईटी का नेतृत्व नगर पालिकाओं के आयुक्त राजकुमार बेनीवाल करेंगे, और अन्य सदस्य सचिव, सड़क और भवन विभाग, संदीप वसावा, पुलिस महानिरीक्षक सुभाष त्रिवेदी और संरचनात्मक और गुणवत्ता नियंत्रण में विशेषज्ञता वाले दो इंजीनियर होंगे. राज्य सरकार ने चार एनडीआरएफ टीमों के साथ-साथ रक्षा कर्मियों को खोज और बचाव कार्यो में तैनात किया है, और यहां तक कि आसपास के जिलों से तैराकों और गोताखोरों को भी राहत बचाव कार्यो में लगाया है.
#WATCH | Gujarat CM Bhupendra Patel reaches the incident site in #Morbi where more than 60 people died after a cable bridge collapsed today evening pic.twitter.com/oWRuUQuMgA
— ANI (@ANI) October 30, 2022
स्थानीय लोगों के अनुसार पुल का ठेकेदार वहां आने वाले लोगों से 12 और 17 रुपये वसूल रहा था. स्थानीय निवासी रमेश जिलारिया ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह नदी के किनारे रहता है, और जैसे ही मुझे पता चला कि पुल ढह गया है, मैं अपने दोस्तों के साथ नदी पर पहुंचा और रस्सी पर लटके लोगों को बचाया और 15 शवों को नदी से बाहर निकाला.
स्थानीय लोगों ने एक 4-5 वर्षीय लड़के को बचाया है, जो अपने परिवार के सात से आठ सदस्यों के साथ पुल गिरने के समय पुल पर था, लेकिन उसके माता-पिता, भाई, चचेरे भाई और चाचा गायब हैं.