वाराणसी , 23 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा काशी के बाद अब अयोध्या भी निखर रहा है. अगले पांच वर्षों में देश सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा. यह मोदी की गारंटी है. गारंटी पूरा होने की गारंटी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से संवाद किया और विजेताओं को पुरस्कृत किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में देश इसी आत्मविश्वास से विकास को नई रफ्तार देगा, देश सफलताओं के नए प्रतिमान गढ़ेगा और ये मोदी की गारंटी है. उन्होंने कहा कि महादेव के आशीष के साथ 10 वर्षों में काशी में चहुंओर विकास का डमरू बजा है. हमारे ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है, संस्कृत उनमें सबसे प्रमुख है. मोदी ने कहा कि भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख अभिव्यक्ति है. भारत एक यात्रा है, संस्कृत उसके इतिहास का प्रमुख अध्याय है. भारत विविधता में एकता की भूमि है, संस्कृत उसका उद्गम है. नई काशी नए भारत की प्रेरणा बनकर उभरी है. यह भी पढ़ें : Farmer Protest: भारतीय किसान संघ की किसानों से हिंसक व राजनीति प्रेरित आंदोलन नहीं करने की अपील
मोदी ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि यहां से निकले युवा पूरे विश्व में भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति के ध्वजवाहक बनेंगे. उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम और गंगा पुष्करालु महोत्सव जैसे एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियानों का भी विश्वनाथ धाम हिस्सा बना है. काशी जैसे हमारे तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर ही राष्ट्र की प्रगति की यज्ञशाला हुआ करती थीं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां साधना भी होती थी और शास्त्रार्थ भी होते थे. यहां संवाद भी होते थे और शोध भी होते थे. यहां संस्कृति के स्रोत भी थे और साहित्य संगीत की सरिताएं भी थीं. हम सब तो निमित्त मात्र हैं, काशी में करने वाले तो महादेव हैं. जहां महादेव की कृपा हो जाती है, वह धरती ऐसे ही संपन्न हो जाती है.
काशी के बारे में संपूर्ण जानकारी पर आज यहां दो किताबें भी लाॅॅॅॅॅन्च की गईं. उन्होंने कहा कि 10 वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है, उसके हर पड़ाव और यहां की संस्कृति का वर्णन इन किताबों में किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस काशी को समय से भी प्राचीन कहा जाता है, जिसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है. ये दृश्य हृदय में संतोष भी देता है, गौरव की अनुभूति भी कराता है और यह विश्वास भी दिलाता है कि अमृत काल में सभी युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि काशी तो संवरने वाला है. रोड भी बनेंगे, ब्रिज भी बनेंगे, भवन भी बनेंगे, लेकिन मुझे तो यहां जन-जन को संवारना है, हर मन को संवारना है और एक सेवक बनकर संवारना है, साथी बनकर संवारना है. कहा कि आज काशी को विरासत और विकास के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. परंपराओं और आध्यात्म के इर्द गिर्द किस तरह आधुनिकता का विस्तार होता है, आज यह दुनिया देख रही है.