गुवाहाटी, 23 फरवरी : असम (Assam) में कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को 'प्रवासी पक्षी' बताते हुए कहा कि वह कभी-कभार राज्य का दौरा करते हैं, लेकिन बुनियादी समस्याओं का समाधान करने में विफल रहते हैं और चुनावी वादों को लागू करना भूल जाते हैं. असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा (Ripun bora) ने गठबंधन के नेताओं के साथ कहा कि जब मानसून की बाढ़ के दौरान राज्य और उसके लोगों को काफी नुकसान हुआ, उस दौरान मोदी कभी असम नहीं आए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के सामने कुछ मुद्दे रखे हैं, लेकिन मोदी उद्देश्यपूर्ण तरीके से बुनियादी मुद्दों पर चुप रहे-चाय बागानों के श्रमिकों के लिए 351 रुपये की दैनिक मजदूरी बढ़ाना, प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा, छह जातीय समूहों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना, असम में दो बीमार पेपर मिलों का पुनरुद्धार और आतंकवादियों द्वारा तेल कंपनी के दो अधिकारियों का अपहरण.
कांग्रेस नेता ने मीडिया से कहा, लोग नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की अभूतपूर्व मूल्यवृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने जानबूझकर इन मुद्दों को टाला. ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता अमीनुल इस्लाम ने कहा कि महागठबंधन बनने के बाद हर सप्ताह या तो मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा या पार्टी के अन्य नेता असम आ रहे हैं. उन्होंने कहा, पीएम और एचएम समेत बीजेपी के केंद्रीय नेताओं का बार-बार दौरा यह साबित करता है कि सत्ताधारी पार्टी को महागठबंधन से डर लगता है. एआईयूडीएफ नेता ने कहा, भगवा पार्टी निश्चित है कि वह आगामी चुनाव हारने वाली है. यह भी पढ़ें : Gujarat Civic Polls Result 2021: गुजरात की सभी 6 नगर निगमों में बीजेपी नंबर वन, सूरत में AAP से पिछड़ी कांग्रेस, AIMIM का भी खुला खाता
माकपा की राज्य सचिव देबेन भट्टाचार्य ने कहा कि असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने असम में बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए 25 लाख नौकरियां देने के अपने वादे के खिलाफ पिछले पांच साल में केवल 80,000 युवाओं को नौकरी दी.
महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार असम के हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, तेल क्षेत्र की परियोजनाओं और यहां तक कि गुवाहाटी चिड़ियाघर को निजी दलों को बेच और पट्टे पर दे रही है. 126 सदस्यीय असम विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है.