नई दिल्ली: मोदी सरकार ने घरेलू गैस की कीमतों को तय करने के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, कैबिनेट ने गैस मूल्य निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है. गरेलू गैस, सीएनजी, पाइप्ड रसोई गैस की दरों को नियंत्रण में रखने के लिए सीमा लागू होंगी, जिससे इनकी कीमतें 10 प्रतिशत तक घटेंगी. Pension System Review By Modi Government: सरकारी कर्मचारियों के पेंशन सिस्टम में होगा बदला? समीक्षा के लिए गठित हुई समिति.
अब घरेलू गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के अंतर्राष्ट्रीय दाम का 10 फीसदी होगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी घोषणा की. केंदीय मंत्री ने बताया कि गैस की कीमते मासिक रूप से अपडेट की जाएगी. उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा. पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था.
मोदी सरकार का बड़ा फैसला
Union Cabinet approves revised domestic gas pricing guidelines
price of natural gas to be 10% of the monthly average of Indian Crude Basket, to be notified monthly
Move to ensure stable pricing in the regime and provide adequate protection to producers from adverse market… pic.twitter.com/zEQpEpqbcx
— ANI (@ANI) April 6, 2023
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था में स्थिर मूल्य सुनिश्चित करने और प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से उत्पादकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए मासिक अधिसूचना होगी. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद सीएनजी और पीएनजी जैसे इंधन के दामों में कमी आ सकती है.
इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत होगी. हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी. मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है.
उन्होंने बताया कि कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी. उन्होंने कहा कि पाइपलाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी, जबकि सीएनजी में थोड़ी कम कमी होगी.