One Nation One Election: केंद्र की मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मोदी कैबिनट से 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पेश करेगी. जिस बिल को पास होने के बाद देश में एक साथ लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने का रास्ता साफ़ हो जायगा. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है. रामनाथ कोविंद की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को बुधवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी.
मोदी कैबिनेट से वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर विपक्ष के नेताओं का विरोध शुरू हो गया हैं. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर लिखा, मैंने#OneNationOneElections का लगातार विरोध किया है क्योंकि यह एक समस्या का समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। यह संघीयता को नष्ट करता है और लोकतंत्र को कमजोर करता है, जो संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं. कई चुनाव किसी के लिए भी समस्या नहीं हैं, सिवाय मोदी और शाह के यह सिर्फ उनकी आदत है कि वे नगरपालिका और स्थानीय निकाय के चुनावों में भी प्रचार करने की आवश्यकता महसूस करते हैं, जिसका मतलब यह नहीं है कि हमें समकालिक चुनावों की आवश्यकता है. वहीं आगे ओवैसी ने लिखा, बार-बार और नियमित चुनाव लोकतांत्रिक जवाबदेही को सुधारते हैं. यह भी पढ़े: What is One Nation One Election: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ क्या है, मोदी सरकार इसे क्यों लागू करना चाहती है?
वन नेशन-वन इलेक्शन का ओवैसी का विरोध:
I have consistently opposed #OneNationOneElections because it is a solution in search of a problem. It destroys federalism and compromises democracy, which are part of the basic structure of the constitution.
Multiple elections aren’t a problem for anyone except Modi & Shah.…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 18, 2024
वन नेशन-वन इलेक्शन का कांग्रेस ने भी किया विरोध:
#Watch| On 'One Nation, One Election', former #Uttarakhand CM and Congress leader #HarishRawat says, "This decision is a gimmick. They can see an inevitable defeat in #Jammu & #Kashmir, #Haryana and by-elections..." pic.twitter.com/lmdGe5euUm
— The Times Of India (@timesofindia) September 18, 2024
वहीं इसी मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि अब जब भाजपा को पता है कि राज्यो से उनकी सरकारें की एक एक करके विदाई तय है जनता भाजपा के ख़िलाफ़ है तो वन नेशन वन इलेक्शन का जुमला भाजपा की सरकारों की आयु बढ़ाने और जनता को दर्द देने के लिए लाये है. भाजपा वन नेशन वन इलेक्शन करवाना ही चाहती थी तो 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ करा लेती तो आज उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार होती !!
जानें एसपी नेता फखरुल हसन चांद ने क्या कहा:
अब जब भाजपा को पता है कि राज्यो से उनकी सरकारें की एक एक करके विदाई तय है जनता भाजपा के ख़िलाफ़ है तो वन नेशन वन इलेक्शन का जुमला भाजपा की सरकारों की आयु बढ़ाने और जनता को दर्द देने के लिए लाये है
भाजपा वन नेशन वन इलेक्शन करवाना ही चाहती थी तो 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ करा…
— Fakhrul Hasan Chaand (@chaandsamajwadi) September 18, 2024
आप ने भी किया विरोध:
#WATCH | On Cabinet nod to One Nation, One Election, AAP MP Sandeep Pathak says, "... Few days ago, elections for four states were to be announced, but they (BJP) announced elections for only Haryana and J&K and left Maharashtra and Jharkhand. If they cannot conduct elections in… pic.twitter.com/BM9dJr2VUb
— ANI (@ANI) September 18, 2024
वहीं कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखावन “नेशन” वन इलेक्शन-विपक्ष में टेंशन. यानी आचार्य प्रमोद कृष्णम मोदी सरकार के इस फैसले के पक्ष में हैं. हालांकि वे जब से कांग्रेस को छोड़ा हैं. तब से ही कांग्रेस के विरोध में बोल रहे हैं,
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्ष के लिए बताया टेंशन
वन “नेशन”
वन इलेक्शन-विपक्ष में टेंशन.
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) September 18, 2024
बता दें कि कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर एक कमेटी बनाई थी, इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया था। इसके अलावा इस कमेटी में कई और सदस्यों को भी शामिल किया गया है.