भारत सरकार ने देसी Koo से Twitter को दिया जवाब, जानिए आप कैसे कर सकते है इस्तेमाल
Koo App को मिला भारत सरकार का साथ (Photo Credits: Twitter)

How To Use Koo: माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) को जवाब देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने देसी कू (Koo App) का इस्तेमाल किया है. ट्विटर ने बुधवार को कहा कि किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट का प्रसार रोकने के सरकार के निर्देश के तहत उसने 500 से ज्यादा अकाउंट पर रोक लगा दी है और कुछ को ब्लॉक कर दिया है. ट्विटर ने एक ब्लॉगपोस्ट में बताया कि नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा. हालांकि, सरकार ने मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के साथ वार्ता के पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करने के ट्विटर के कदम को असामान्य कदम करार दिया है. Koo App क्या है? मेड इन इंडिया ‘कू’ क्यों कहा जा रहा है ट्विटर का बेहतरीन विकल्प

सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश में विकसित सोशल नेटवर्किंग साइट ‘कू’ पर अपने जवाब में कहा, ‘‘सरकार के साथ बैठक के लिए ट्विटर के अनुरोध पर सूचना और प्रोद्यौगिकी, सचिव ट्विटर के वरिष्ठ प्रबंधकों के साथ बातचीत करने वाले थे. इस संबंध में वार्ता के पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करना असामान्य कदम है.’’ ‘कू’ पर पोस्ट में कहा गया है कि सरकार जल्द ही अपना जवाब साझा करेगी.

ट्विटर ने बुधवार को ब्लॉगपोस्ट में कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी अधिकार का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह भारतीय कानून के तहत ट्विटर एवं प्रभावित खातों, दोनों के लिए विकल्प तलाश करने की सक्रियता से कोशिश कर रही है.’’ सरकार ने चार फरवरी को ट्विटर से ऐसे 1178 अकाउंट पर रोक लगाने को कहा जिनका संबंध पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थकों के साथ पाया गया है और किसानों के प्रदर्शन की आड़ में माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है.

'कू' से इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय का ट्विटर को जवाब-

Ministry of Electronic Replies on Koo (Photo Credits: Koo)

उल्लेखनीय है कि ट्विटर को टक्कर देने के लिए मेड इन इंडिया ‘कू’ की शुरुआत की गयी है. जबकि भारत सरकार भी कू को आगे बढ़ने में पूरी मदद कर रही है. कू ने हाल ही में कहा कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, माई गॉव, डिजिटल इंडिया, इंडिया पोस्ट, नेशनलल इनफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉली, कॉमन सर्विस सेंटर, उमंग ऐप, डिजी लॉकर, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के हैंडल का सत्यापन किया है. जबकि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी इस भारतीय ऐप का हिस्सा बन चुके हैं.

कू ऐप को Google Play Store और Apple App Store के जरिये डाउनलोड किया जा सकता है. यूजर्स अपने iPhone और Android डिवाइस पर कू ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. कू ऐप कई भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है. कू पर हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया और असमिया भाषा लिख सकते है.

ट्विटर की तरह ही कू का उपयोग विभिन्न विषयों पर विचार और राय व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है. इसमें भी यूजर्स एक-दूसरे को फॉलो कर सकते हैं, सर्वेक्षण कर सकते हैं. जबकि ट्विटर की तरह ही कू पर भी फ़ोटो, ऑडियो, वीडियो शेयर किया जा सकता हैं. कू ऐप में ट्विटर की तरह ही डीएम यानी डायरेक्ट मैसेज की भी सुविधा दी गई है. ताकि यूजर्स एक दूसरे के साथ चैट कर सकें. (एजेंसी इनपुट के साथ)