नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए देश में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच देश में मजदूरों और प्रवासियों को हो रही समस्याओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले का संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और मुसीबतों के इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को केंद्र व राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने को कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हालात को सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. इस बाबत केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है. मामले में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के इंतजामों में खामियां हैं. अभी भी सड़कों, हाइवे, रेलवे स्टेशनों व राज्यों की सीमाओं पर प्रवासी फंसे हुए हैं जिनके लिए खाना-पानी और आश्रय आदि की तुरंत व्यवस्था कराने की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मजदूरों की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर तुरंत कदम उठाने चाहिए. SC ने कहा, सरकारें प्रवासी मजदूरों को भेजने की कोशिश कर रही हैं लेकिन यह अभी काफी नहीं है. इस संबंध में उसे बहुत सारे पत्र और ज्ञापन मिले हैं.
बता दें कि लॉकडाउन के शुरू होते ही प्रवासी मजदूरों की समस्याएं भी शुरू हो गई थी. पैसे और मजदूरी के अभाव में मजदूर देशभर से अपने गृह राज्यों की ओर पैदल चलने लगे. अभी भी कई मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मजदूरों के पास दो महीने से अधिक समय से कोई काम नहीं हैं, उनके पास खाना और पैसा कुछ नहीं बचा है.