प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 1 मई: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने सोमवार को शाही ईदगाह ट्रस्ट (Shahi Idgah Trust) और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं का निस्तारण किया. हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मथुरा के जिला जज से सिविल जज के फैसले के खिलाफ नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करने को कहा है. कोर्ट ने कहा, 'सभी पक्षों को मथुरा के जिला जज के सामने नए सिरे से अपनी दलील पेश करनी होगी.' यह भी पढ़ें: शादी के वादे से मुकरना हर बार 'बलात्कार' नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
यह विवाद 2020 में 24 सितंबर का है जब अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य ने मूल रूप से 17 वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद को उस परिसर से हटाने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे वह कटरा केशव देव मंदिर के साथ साझा करता है, जो 'कृष्ण जन्मभूमि' के रूप में उस स्थान के करीब है.
देखें ट्वीट:
Mathura land dispute: Allahabad HC disposes pleas of Shahi Idgah Trust, Waqf Board
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— ANI Digital (@ani_digital) May 1, 2023
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में दावा किया था कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर किया गया है. उन्होंने मांग की थी कि मस्जिद को हटा दिया जाए और जमीन ट्रस्ट को लौटा दी जाए. हालांकि, सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 30 सितंबर, 2020 को इस मुकदमे को गैर-स्वीकार्य मानते हुए खारिज कर दिया.