मुंबई: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) शनिवार को मुंबई दौरे पर थे. जहां उन्होंने एक रैली के दौरान पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर पाक पीएम इमरान खान पर जम कर हमला किया. वहीं इस दौरान उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) पर हमला करते हुए उसे मौलाना नहीं बल्कि 'शैतान का चेला' करार दिया.
पुलवामा में कायराना तरीके से सीआरपीएफ (CRPF) के जवनों पर किये हमले को लेकर ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार, 'पाकिस्तानी सेना और आईएसआई (ISI के इशारों पर इस हमले को अंजाम दिया गया. मैं पाकिस्तान की उस संगठन को बताना चाहता हूं जिसकी वजह से हमारे 40 जवान शहीद हो गए और इसकी जिम्मेदारी तुमने ली- तुम जैश-ए-मोहम्मद नहीं हो, तुम जैश-ए-शयातीन हो. यह भी पढ़े: पुलवामा आतंकी हमले पर बोले अमित शाह, कश्मीर में बहा जवानों का खून नहीं जाएगा व्यर्थ
Asaduddin Owaisi: A soldier of Mohammed does not kill a person, he is merciful towards humanity. You are Jaish-e-Shayateen, Jaish-e-Iblis. Mazood Azhar, you are not a Maulana, you are a disciple of the devil. It is not Laskhar-e-Taiba, it is Lashkar-e-Shayateen. (23.02.2019) https://t.co/plxp1pjnYU
— ANI (@ANI) February 23, 2019
ओवैसी ने आगे कायर मसूद अजहर के बारे में कहा कि 'मोहम्मद का सैनिक किसी आदमी को नहीं मारता है. वह मानवता के प्रति दयालु होता है. तुम लोगों के खून से जो खेल रहे हो तुम जैश-ए-शयातीन, जैश-ए-इबलिस हो. तुम जिस तरह से धोखे से लोगों के साथ खून की होली खेल रहे हो तुम मौलाना नहीं हो. तुम शैतान के चेले हो. यह लश्कर-ए-तैयबा नहीं लश्कर-ए-शयातीन है. यह भी पढ़े: पुलवामा आतंकी हमले के बाद निशाने पर आई कराची बेकरी, ढकना पड़ा दुकान का नाम
पाक पीएम इमरान खान पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला यह पहला हमला नहीं है. इससे पहले पठानकोट और उरी में हमले हो चुके हैं. इसलिए पाक पीएम इमरान खान से कहना चाहूंगा कि भारत अब पाकिस्तान के आतंकी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा. इसलिए वे अपने चेहरे पर लगा शराफत का मुखौटा उतार दें और टीवी कैमरे के आगे बैठकर भारत को संदेश न दें. बल्कि आतंकी संगठन पर वे लगाम लगाये तो उनके लिए अच्छा होगा. बता दें कि पिछले हफ्ते 14 फरवरी को जम्मू -कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.