प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अगस्त माह के आखिरी रविवार यानी 30 अगस्त को मन की बात 2.0 (Mann Ki Baat) में कहा कि वैसे तो यह समय त्योहारों का होता है. लेकिन कोरोना वायरस के कारण सुरक्षा के लिहाज से त्योहार मनाएं. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश की जनता अनुशासन में हैं. गणेश उत्सव का त्योहार ऑनलाइन मनाया जा रहा है. तो कहीं इकोफ्रेंडली गणपति का त्योहार मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि पर्व और पर्यावरण का गहरा नाता है. इस दौरान उन्होंने ओणम का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ओणम कृषि से जुड़ा त्योहार है. इन दिनों ओणम का पर्व भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. ये पर्व चिंगम महीने में आता है. इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओनम-सादिया का आनंद लेते हैं, तरह-तरह के खेल और प्रतियोगिताएं भी होती हैं.
कोरोना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश कई मोड़ पर लड़ रहा है. लेकिन इसके साथ-साथ, कई बार मन में ये भी सवाल आता रहा कि इतने लम्बे समय तक घरों में रहने के कारण, मेरे छोटे-छोटे बाल-मित्रों का समय कैसे बीतता होगा. साथियो, पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे चिंतन का विषय था- खिलौने और विशेषकर भारतीय खिलौने. हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए टॉयज कैसे मिलें, भारत, टॉय प्रोडक्शन (Toy Production) का बहुत बड़ा हब (Hub) कैसे बने. पीएम मोदी ने कहा कि खिलौने जहां एक्टिविटी (Activity) को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं.
खिलौना उद्योग में भारत की भागीदारी बढ़े
पीएम मोदी ने देशी खिलौने बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है. जैसे, कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी समेत कई ऐसे स्थान हैं, कई नाम गिना सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर (Toy Clusters) यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि अब आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा. अब जैसे आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में श्रीमान सी.वी. राजू हैं. उनके गांव के एति-कोप्पका Toys एक समय में बहुत प्रचलित थे. इनकी खासियत ये थी कि ये खिलौने लकड़ी से बनते थे, और दूसरी बात ये कि इन खिलौनों में आपको कहीं कोई angle या कोण नहीं मिलता था.
भारतीय ऐप हैं बेहद खास
पीएम मोदी ने कहा कि कंप्यूटर गेम और ऐप बनाने पर जोर देते हुए कहा कि एक माइक्रों ब्लोगिंग प्लेटफोर्म (Micro Blogging Platform) का भी (App) है. इसका नाम है कू - KOO कू. इसमें, हम, अपनी मातृभाषा में Text, Video और Audio के जरिए अपनी बात रख सकते हैं, Interact कर सकते हैं. इसी तरह चिंगारी ऐप भी युवाओं के बीच काफी Popular हो रहा है. एक ऐप है Ask सरकार. इसमें चैट बोट (Chat Boat) के जरिए आप कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी टेक्स्ट, आडियो और वीडियो तीनों तरीकों से, ये आपकी मदद कर सकता है.