Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने सुनाई असम के 'नौगांव'की कहानी, बताया कैसे 'हाथी बंधुओं' को वन्य प्राणियों ने दिया मान
Mann ki Baat (img: ANI)

नई दिल्ली, 29 दिसंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में एक हाथी का जिक्र किया. वन्यप्राणी की ये कहानी असम के 'नौगांव' की थी. पीएम मोदी ने दिलचस्प हकीकत से सबको रूबरू कराया. एक अनूठी पहल का जिक्र किया जिसे वन्यप्राणियों ने भी खूब पसंद किया.

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, आपने कई बार इंसानों और जानवरों के बीच गजब की दोस्ती की तस्वीरें देखी होंगी, आपने जानवरों की वफादारी की कहानियां सुनी होंगी. जानवर पालतू हों या जंगल में रहने वाले पशु, इंसानों से उनका नाता कई बार हैरान कर देता है. जानवर भले बोल नहीं पाते, लेकिन उनकी भावनाओं को, उनके हाव-भाव को इंसान भली-भांति भांप लेते हैं. जानवर भी प्यार की भाषा को समझते हैं, उसे निभाते भी हैं. मैं आपसे असम का एक उदाहरण साझा करना चाहता हूं. यह भी पढ़ें : Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों को सराहा, देश के पहले प्राइवेट स्पेसशिप का किया जिक्र

असम में एक जगह है 'नौगांव'. नौगांव हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव जी का जन्म स्थान भी है. यह जगह बहुत ही सुंदर है. यहां हाथियों का भी एक बड़ा ठिकाना है. इस क्षेत्र में कई घटनाएं देखी जा रही थीं, जहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे और किसान परेशान रहते थे, जिससे आस-पास के करीब 100 गांवों के लोग बहुत परेशान थे, लेकिन गांववाले हाथियों की भी मजबूरी समझते थे.

उन्हें पता था कि हाथी भूख मिटाने के लिए खेतों का रुख कर रहे हैं, इसलिए गांववालों ने इसका समाधान निकालने की सोची. गांववालों की एक टीम बनी, जिसका नाम था 'हाथी बंधु'. हाथी बंधुओं ने सूझ-बूझ दिखाते हुए करीब 800 बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की. यहां गांववालों ने आपस में मिल-जुलकर नेपियर घास लगाई. इस घास को हाथी बहुत पसंद करते हैं. इसका असर यह हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया. यह हजारों गांववालों के लिए बहुत राहत की बात है. उनका यह प्रयास हाथियों को भी खूब भाया है.

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, हमारी संस्कृति और विरासत हमें आस-पास के पशु–पक्षियों के साथ प्यार से रहना सिखाती है. यह हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है कि बीते दो महीनों में हमारे देश में दो नए टाइगर रिजर्व जुड़े हैं. इनमें से एक है छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास–तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और दूसरा एमपी में रातापानी टाइगर रिजर्व.