नई दिल्ली: विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख करके अपना तबादला नागपुर किए जाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया. भ्रष्टाचार के कथित मामले में अस्थाना की भूमिका की जांच कर रही टीम का हिस्सा रहे आईपीएस अधिकारी मनीष कुमार सिन्हा ने मंगलवार को अविलंब सुनवाई के लिये प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख किया.
इस पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ भी शामिल हैं. गौरतलब है कि यह पीठ अधिकार छीनने और अवकाश पर भेजने संबंधी सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर कल सुनवाई करने वाली है. सिन्हा ने कहा कि उनकी अर्जी पर भी कल वर्मा की याचिका के साथ ही सुनवाई की जाए. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका तबादला नागपुर कर दिया गया है और इस वजह से वह अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से बाहर हो गए हैं.
Manish Kumar Sinha, IPS officer and head of the team investigating CBI Special Director Rakesh Asthana case, moves Supreme Court against his transfer to Nagpur and seeking SIT probe in Asthana case.
— ANI (@ANI) November 19, 2018
वहीं सीबीआई के एक अन्य अधिकारी डिप्टी एसपी अश्वनी कुमार गुप्ता भी अपने तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुके हैं. उनके मामले में तुरंत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. अश्वनी कुमार गुप्ता का कहना है कि वो स्टर्लिंग बायोटेक सीबीआई मामले की जांच कर रहे थे, इस मामले में राकेश अस्थाना की भूमिका भी संदिग्ध है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इसी कारण उनका तबादला किया गया है.