मल्लिकार्जुन खड़गे ने पंजाब पहुंचकर किसानों की थपथपाई पीठ, कहा- आपके आंदोलन ने किसानी बचा ली
पंजाब के किसान दिल्ली के आसपास के हाईवे को घेरने की तैयारी कर रहे हैं. 13 जनवरी को किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंचने वाले हैं. दूसरी तरफ पंजाब पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों को बधाई दी है कि उन्होंने केंद्र सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसे बाद में केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा.
नई दिल्ली, 11 फरवरी : पंजाब के किसान दिल्ली के आसपास के हाईवे को घेरने की तैयारी कर रहे हैं. 13 जनवरी को किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंचने वाले हैं. दूसरी तरफ पंजाब पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों को बधाई दी है कि उन्होंने केंद्र सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसे बाद में केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा.
पंजाब के समराला लुधियाना में एक सभा को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एक तय तरीके से किसानों को खत्म करने की साज़िश रची जा रही थी. लेकिन आप लोगों के आंदोलन ने किसानी को बचा लिया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आजादी के बाद पहली बार, हर किसान पर 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से टैक्स लगाया गया. उन्होंने आगे कहा कि ‘पीएम फसल बीमा योजना’ को निजी इंश्योरेंस कंपनी का मुनाफा योजना बनाया गया. उन्होंने मंच से कहा कि 2016 से 2022 के बीच बीमा कंपनियों ने 40,000 करोड़ रुपए कमाए. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | झारखंड : कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू धनशोधन के मामले में लगातार दूसरे दिन ईडी के सामने हुए पेश
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में आरएसएस-भाजपा के लोगों ने उनकी मदद की. गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में भी अंग्रेजों की मदद की. वो रोज उठकर कांग्रेस और राहुल गांधी को गालियां देते हैं. जो व्यक्ति पदयात्रा निकालता है उसको भला-बुरा कहते हैं. क्यों ? जबकि उन्होंने सरकार में कोई पद तो नहीं लिया है!
उन्होंने आगे कहा कि संत रविदासजी ने कहा था कि हम ऐसा राज चाहते हैं, जहां संविधान का शासन हो, लोकतंत्र हो. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि युवा बेरोजगार हैं. 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. इसमें से 15 लाख पद दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को मिल जाते इसलिए वो यह भर्ती नहीं कर रहे हैं. इसीलिए ऐसी सरकार को उखाड़कर फेंक देना चाहिए और डॉ मनमोहन सिंह जैसी सरकार वापस आनी चाहिए.