पुणे: एक 90 वर्षीय COVID-19 रोगी के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अंतिम संस्कार करने के लिए गलत शव दिया गया था. घटना पुणे (Pune) के पास औंध (Aundh) जिला सरकारी अस्पताल में हुई. अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और परिवार को आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल ने कहा कि शरीर की पहचान के लिए एक फिंगरप्रिंट और डीएनए टेस्ट किया जाएगा. Lockdown in Maharashtra? कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच लॉकडाउन पर आज हो सकता है फैसला.
जानकारी के अनुसार तबियत बिगड़ने के बाद रुखमाबाई जाधव को अस्पताल लाया गया था. उन्हें COVID-19 पॉजिटिव पाया गया और पिछले सप्ताह उसका निधन हो गया. जब उनके बेटे दीपक और बहू माया अगले दिन अस्पताल गए, तो वे यह देखकर दंग रह गए कि उन्हें गलत शव सौंप दिया गया था.
अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि उसी रात दो बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो गई थी और दोनों शवों को एक ही मुर्दाघर में रखा गया था. दूसरे शव का अंतिम संस्कार करने से पहले उसके परिवार के सदस्यों ने उसकी पहचान की थी.
इस बीच अब रुखमाबाई के बेटे को डर है कि उसे आखिरी बार अपनी मां का चेहरा देखने का मौका नहीं मिलेगा. परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि अस्पताल ने उस परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है जो दूसरे शरीर को ले गया है.