Maharashtra Politics: शिवसेना-यूबीटी की नई चिंता, पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का कार्यकाल 23 जनवरी को समाप्त

जून में विभाजन के बाद, शिवसेना-यूबीटी और बालासाहेबंची शिवसेना वर्तमान में पार्टी के नाम (मूल 'शिवसेना') और इसके प्रतिष्ठित प्रतीक (धनुष और तीर) के लिए चुनाव आयोग के समक्ष तीखे विवाद में उलझे हुए हैं. अक्टूबर 2022 में, ईसीआई ने दोनों गुटों को नए नाम और प्रतीक दिए थे - शिवसेना-यूबीटी को ज्वलंत मशाल और बीएसएस को 'दो तलवार और ढाल' का प्रतीक मिला.

उद्धव ठाकरे (Photo Credits: PTI)

मुंबई: विभाजन के करीब सात महीने बाद शिवसेना-यूबीटी (Shiv Sena-UTB) एक नई चिंता से घिर गई है, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का पांच साल का कार्यकाल 23 जनवरी को समाप्त हो रहा है. शिवसेना-यूबीटी सांसद अनिल देसाई (Anil Desai) ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग (Election Comission) को पत्र लिखकर अध्यक्ष और उसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित संगठनात्मक चुनाव कराने की अनुमति मांगी है.

उन्होंने कहा- हमारे वकीलों ने पार्टी प्रमुख के रूप में ठाकरे के कार्यकाल की समाप्ति से पहले पार्टी के भीतर चुनाव कराने के लिए ईसीआई की मंजूरी मांगी है. यदि ईसीआई को इस पर कोई आपत्ति है, तो उसे अंतिम निर्णय लेने तक पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल का विस्तार करना चाहिए. FCI Corruption: 3 राज्यों में 50 जगहों पर CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी, एक अधिकारी गिरफ्तार

जून में विभाजन के बाद, शिवसेना-यूबीटी और बालासाहेबंची शिवसेना वर्तमान में पार्टी के नाम (मूल 'शिवसेना') और इसके प्रतिष्ठित प्रतीक (धनुष और तीर) के लिए चुनाव आयोग के समक्ष तीखे विवाद में उलझे हुए हैं. अक्टूबर 2022 में, ईसीआई ने दोनों गुटों को नए नाम और प्रतीक दिए थे - शिवसेना-यूबीटी को ज्वलंत मशाल और बीएसएस को 'दो तलवार और ढाल' का प्रतीक मिला.

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