नई दिल्ली, 11 जनवरी: सीबीआई ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को ‘ऑपरेशन कनक’ शुरू किया और चंडीगढ़ में डीजीएम स्तर के एक अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में 50 जगहों पर छापेमारी की. Delhi Riots: दिल्ली दंगा मामले में AAP पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय
अधिकारियों ने कहा कि एफसीआई में अधिकारियों, चावल मिल मालिकों और बिचौलियों समेत अन्य के कथित गठजोड़ का पता लगाने के लिये छह महीने तक गोपनीय अभियान चलाने के बाद प्राथमिकी में एफसीआई के कार्यकारी निदेशक सुदीप सिंह समेत 74 लोगों को आरोपी बनाया गया है. ये लोग कथित तौर पर भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि एफसीआई के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) राजीव कुमार मिश्रा को रविंदर सिंह खेड़ा नाम के व्यक्ति से 50,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एजेंसी ने कहा कि एफसीआई को ठेके पर दिए गए बेनामी गोदाम चलाने के लिए पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है.
अधिकारियों ने बताया कि 74 आरोपियों में से 34 सेवारत और तीन सेवानिवृत्त अधिकारी व 20 संस्थाएं शामिल हैं. एजेंसी ने 80 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसमें एक महिला अधिकारी के यहां से मिले 10 लाख रुपये भी शामिल हैं, जिसे वाशिंग मशीन में छिपा कर रखा गया था.
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने एफसीआई में “भ्रष्टाचार के नापाक गठजोड़” के खिलाफ अभियान शुरू किया है, जिसमें खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण में लगे अधिकारियों, चावल मिल मालिकों, अनाज व्यापारियों आदि की एक पूरी श्रृंखला शामिल है.
आरोप है कि आरोपी अधिकारियों ने निविदा प्रक्रिया में भंडार गृह संचालकों और चावल मिल मालिकों का पक्ष लेने के बदले रिश्वत प्राप्त की.
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने गोदामों में उपलब्ध अनाज की तुलना में कागजों पर अधिक खरीद दिखाई.
अधिकारियों ने कहा कि एफसीआई में तकनीकी सहायकों से लेकर कार्यकारी निदेशकों तक की भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कई शहरों के साथ ही दिल्ली में भी दो स्थानों पर छापेमारी की गई.
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