महाराष्ट्र में कुर्सी की लड़ाई अपने चरम पर चल रही है. सालों पुरानी दोस्ती टूट गई है. एक तरफ शिवसेना तो दूसरी छोर पर बीजेपी खड़ी है. लेकिन दोनों के बीच जो गैप बना है उसमें कांग्रेस और एनसीपी अपनी जगह बनाती नजर आ रही है. सोमवार तक जहां लग रहा था कि अब कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी. लेकिन शाम होते होते माजरा बदलने लगा. बीजेपी के मना करने के बाद राज्यपाल ने शिवसेना ऑफर दिया था लेकिन शिवसेना ने तीन दिनों की मोहलत मांगकर संख्या बल जुटाने के बात की कही थी. जिसे राज्यपाल ने इनकार कर दिया और उसके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को सरकार बनाने का ऑफर दिया. इसी बीच एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि सरकार शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर दोनों पार्टियों में चर्चा हो रही है. हमने दिनभर कांग्रेस के पत्र का इंतजार किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
इस रस्साकस्सी के बीच आज मुंबई से लेकर दिल्ली तक आज मीटिंग का दौरा बरकरार रहने वाला है. वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत से लीलावती अस्पताल में मिलने पहुंचे. वहीं जब मीडिया ने शरद पवार से सवाल किया कि आज एनसीपी और कांग्रेस के बीच मीटिंग है तो उन्होंने उत्तर में कहा कि मुझे नहीं पता. पवार के इस बयान के बाद लगता है कि अभी भी कांग्रेस-एनसीपी में कुछ तो गड़बड़ है. संजय राउत की तबियत सोमवार को बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी एंजियोगप्लास्टी हुई है.
#WATCH NCP Chief Sharad Pawar on being asked if there is a meeting scheduled today between Congress and NCP: Who says there is a meeting? I don't know. #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/Tz2ytPGBHn
— ANI (@ANI) November 12, 2019
आजीत पवार ने कहा
Ajit Pawar,NCP: Whatever decision will be taken will be taken collectively, so we were waiting for Congress response yesterday but it didn't come, we can't decide on it alone. There is no misunderstanding,we contested together and are together. #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/KCkIJYFMpJ
— ANI (@ANI) November 12, 2019
इस बीच संजय राउत ने एक ट्वीट कर एक कविता लिख कहा, "लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती. हम होंगे कामयाब..जरूर होंगे. बता दें कि सूबे की सत्ता की लड़ाई अब रोज नए रूप दिखा रही है. 56 विधायकों वाली शिवसेना एनसीपी के 54 व कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने के लिए तैयार है. लेकिन अभी कांग्रेस उसे समर्थन देने का अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है. जिसके बाद सस्पेंस जारी है कि कौन क्या करेगा. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र में सियासी घमासान तेज: बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी का बड़ा हमला, शिवसेना को बताया 'सोनिया सेना'
"लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती ।'
बच्चन.
हम होंगे कामयाब..
जरूर होंगे...
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 12, 2019
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के 24 अक्टूबर को आए नतीजे में बीजेपी को 105 सीटें मिलीं और जबकि शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली. इस जीत के बाद उद्वव और देवेंद्र फडणवीस ने मिलकर एक दूसरे को मिठाई खिलाई. लेकिन जब बात कुर्सी की आई तो दोनों में जंग शुरू हो गई. इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राकांपा ने 54 सीटें जीती, और कांग्रेस की झोली में 44 सीटें आईं. अब सेना अपने कभी विरोधी रहे दोनों दलों के साथ मिलकर सत्ता में वापसी करने की कोशिश कर रहे हैं. अब शिवसेना के गठबंधन तोड़ देने के बाद बीजेपी को लगता है कि यदि वह अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ी होती तो शायद अधिक सीटों पर जीत दर्ज कराती.