Shiv Sena Symbol: शिवसेना के चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी. जिसके बाद उद्धव और शिंदे के बीच शिवसेना का असली वारिस कौन है उसको लेकर विवाद एक तरह से ख़त्म हो गया. हालांकि चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव गुट कोर्ट में चुनौती देगा. शुक्रवार को चुनाव आयोग के फैसले पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने ट्वीटर पर अपने चाचा बाला साहब ठाकरे का एक ऑडियो शेयर कर उद्धव ठाकरे को नसीहत दी है.
राज ठाकरे द्वारा शेयर किये गए ऑडियो में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की आवाज सुनाई दे रही है. इसके साथ ही राज ठाकरे ने इस ट्वीट में लिखा, ‘आज हमें एक बार फिर एहसास हुआ कि बालासाहेब द्वारा दिया गया ‘शिवसेना’ का विचार कितना सही था.’ यह भी पढ़े: Maharashtra Political Crisis: एमवीए ने शिवसेना के नाम-चिन्ह पर चुनाव आयोग के फैसले की निंदा की, कहा 'लोकतंत्र की मौत
Video:
बाळासाहेबांनी दिलेला ‘शिवसेना’ हा विचार किती अचूक होता ते आज पुन्हा एकदा कळलं.... #शिवसेना #बाळासाहेब_ठाकरे #Legacy pic.twitter.com/FxO3wprUUF
— Raj Thackeray (@RajThackeray) February 17, 2023
इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि पार्टी का नाम 'शिवसेना' और चुनाव चिह्न् 'तीर और कमान' महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के पास रहेगा. चुनाव आयोग ने पाया कि शिवसेना का वर्तमान संविधान, जिस पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दावा कर रहे थे, अलोकतांत्रिक है.
आयोग ने शुक्रवार को जारी अपने 78 पन्नों के आदेश में कहा, पार्टी संविधान के परीक्षण' को लागू करते हुए, आयोग ने पाया कि जिस पार्टी संविधान पर प्रतिवादी (उद्धव ठाकरे गुट) दावा कर रहे थे, वह अलोकतांत्रिक है.