मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन जिले के लिम्बोड़ा गांव में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे एक नवजात शिशु की मौत हो गई. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार वैक्सीन दिए जाने के बाद एक नवजात बीमार हो गया, फिर उसकी मौत हो गई. मामले में इम्युनाइजेशन ऑफिसर केसी वर्मा (KC Verma) ने कहा, "वैक्सीन को अलग रख लिया गया है. उसकी जांच की जाएगी, अगर कोई दोषी पाया गया, तो कार्रवाई की जाएगी. पांच अन्य बच्चों को भी यही वैक्सीन दी गई थी, जो इस नवजात को दी गई. हमें बताया गया है कि ये बच्चे भी बीमार पड़ गए थे, और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था." स्वास्थ्य मंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार मृत नवजात को 27 अगस्त को टीके का इंजेक्शन लगाया गया था. जिसके कुछ देर बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी. अगले दिन उसे बुखार आया तो परिजनों ने टीकाकरण के बाद की सामान्य प्रक्रिया समझकर बुखार की दवा देकर सुला दिया. 29 अगस्त को जब नवजात के परिजनों ने देखा कि बच्चे के मुहं से झाग निकल रहा है, जिसके बाद इलाज के लिए वे एक निजी अस्पताल पहुंचे.
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अन्य पांच बच्चों को भी दिया गया वैक्सीन-
KC Verma, Immunisation Officer: 5 children were also given the same vaccine that was given to this child. We are being told that the rest of them fell ill too and had to be admitted in hospital. (01.09.2019) https://t.co/WUrFOxulzM
— ANI (@ANI) September 2, 2019
वहां डॉक्टरों ने सरकारी अस्पताल में जाने को कहा. सरकारी अस्पताल पहुंचने पर वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद सामने आया कि अन्य ग्रामीण जिनके बच्चों का टीकाकरण किया था उनके बच्चों को भी पीठ पर लाल निशान के साथ बुखार आ गया. घटना की जानकारी ग्रामीणों ने रविवार को विधायक महेश परमार को दी. इसके बाद जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. राकेश जाटवा, कनासिया सेक्टर प्रभारी डॉ.अनिल पलोड़ लिंबोदा पहुंचे और जिस दवा से टीकाकरण किया था उस बैच के टीके जिन बच्चों को लगाए थे सभी की जांच की. मामले की जांच अभी जारी है.