मध्य प्रदेश: शाजापुर में 80 वर्षीय बुजुर्ग को बंधक बनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई, नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन रद्द और अस्पताल को सील किया गया

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. इस खतरनाक वायरस से संक्रमित मामले भी देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक दिल दहला देने वाला वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद हर तरफ से इस मामले में प्रतिक्रिया सामने आने लगी.

बिल न चुकाने में बुजुर्ग को पलंग से बांधा गया था (Photo Credits-ANI Twitter)

भोपाल. देश में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. इस खतरनाक वायरस से संक्रमित मामले भी देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर (Shajapur) से एक दिल दहला देने वाला वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद हर तरफ से इस मामले में प्रतिक्रिया सामने आने लगी. शाजापुर जिले के एक निजी अस्पताल द्वारा इलाज के पैसे चुकाने में असमर्थ बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया गया था. इस मामले में अब खबर है कि अस्पताल के मैनेजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही नर्सिंग होम की रजिस्ट्रेशन को भी रद्द कर अस्पताल को सील किया गया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार जिला कलेक्टर दिनेश जैन ने बताया कि शाजापुर में बुढ़े आदमी के बिल न भर पाने पर बेड से बांधने पर अस्पताल के मैनेजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है. उनके नर्सिंग होम की रजिस्ट्रेशन को निलंबित कर अस्पताल को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही जो भी मरीज ओपीडी में थे उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया है. यह भी पढ़ें-मध्य प्रदेश: अस्पताल का बिल नहीं भरने पर 80 वर्षीय बुजुर्ग को बेड से बांधा, मामले पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जताया विरोध, कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

ANI का ट्वीट-

वही इस मामले में सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद संज्ञान लिया था. इसके साथ ही उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इस मामले में बुर्जुग मरीज की बेटी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शुक्रवार रात उसके पास पैसे जब खर्च हो गए तो उसने पिता की डिस्चार्ज कराना चाहा तो अस्पताल ने और पैसे की मांग की. जबकि लगभग करीब 11 हजार रुपए वे अस्पताल में पहले ही जमा करा चुके थे.

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