मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं, मौलिक अधिकार नहीं- कोर्ट
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लाउडस्पीकर हटाने (Loudspeaker Row) की योगी सरकार की मुहीम के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ने को लेकर अहम टिप्पणी की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है. Gujarat: मंदिर में लाउडस्पीकर बजाने पर व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, 6 लोग गिरफ्तार

जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला (Vivek Kumar Birla) और जस्टिस विकास बुधवर (Vikas Budhwar) की खंडपीठ ने रिट याचिका खारिज कर दी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए करीब 54 हजार लाउडस्पीकर रविवार तक हटाए गए हैं जबकि करीब 60 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई है.

राज्य सरकार ने इस संबंध में जिलों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. पुलिस को धर्मगुरुओं से बात करने और अनधिकृत लाउडस्पीकरों को हटाने को सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है. प्रदेशभर में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर हटाने तथा अन्य लाउडस्पीकर की आवाज को निर्धारित सीमा तक सीमित करने का अभियान पिछली 25 अप्रैल को शुरू हुआ था.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मानव स्वास्थ्य ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव का हवाला देकर 2005 में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सकता था. जबकि नियमों के मुताबिक अस्पताल, अदालतों, स्कूलों जैसे घोषित शांत क्षेत्रों (साइलेंट जोन) के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है.