बुलंदशहर, 25 जनवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुरुवार को विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने बुलंदशहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व में तीसरी बार फिर से देश के अंदर 2014, 2019 से भी बड़े बहुमत के साथ सरकार बनेगी. इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री को भगवान श्रीराम की प्रतिमा देकर सम्मानित किया. वहीं, ओडीओपी के अंतर्गत राम मंदिर के उकेरे गए चित्र वाली खुर्जा की सेरेमिक ट्रे भी भेंट की.
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के हाथों 500 वर्षों के इंतजार को समाप्त करके अयोध्या में प्रभु श्रीराम लला के भव्य मंदिर का उद्घाटन और श्रीराम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत पहला दौरा भी उत्तर प्रदेश की धरती बलुंदशहर में हो रहा है. यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश को प्रधानमंत्री का आशीर्वाद और सानिध्य मिल रहा है. यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में जम्मू में दो लोग गिरफ्तार, छह पर मामला दर्ज
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि तीन दिन पहले अयोध्या का अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय कार्यक्रम भारतवासियों और पूरी दुनिया ने देखा है. इस अद्भुत और अविस्मरणीय कार्यक्रम के बाद आज बुलंदशहर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. आज पौष पूर्णिमा भी है और इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी के हाथों 21 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का उपहार भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्राप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा कि पहले कोई सोचता था कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज होगा. पहले तो मीटर गेज को ब्रॉड गेज करने में ही दिक्कत होती थी, पैसा ही नहीं मिलता था. आज चौथी रेलवे लाइन का भी लोकार्पण प्रधानमंत्री करने जा रहे हैं. फ्रेट कॉरिडोर के एक सेक्शन का उद्घाटन भी होने जा रहा है. इसके अलावा और भी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले तीन दिनों में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए. एक निर्णय था, एक करोड़ घरों तक रूफटॉप सोलर के लिए एक नई योजना का शुभारंभ. योजना का शुभारंभ उसी दिन हुआ, जिस दिन अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक कार्यक्रम संपन्न हुआ. दूसरा, सामाजिक न्याय के पुरोधा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देकर के सामाजिक न्याय की इस लड़ाई में वंचितों, दबे-कुचले और पिछड़े वर्ग को सम्मान देकर उनके माध्यम से नेतृत्व की एक नई श्रंखला को खड़ा करना.