लॉकडाउन 3.0: जानें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में क्या रहेगा खुला और क्या बंद रहेगा?
लॉकडाउन (Photo Credits: IANS)

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को तीसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा कर दी. अब देश में लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए और बढ़ गया है. यानी 17 मई तक लॉकडाउन लगा रहेगा. हालांकि गृह मंत्रालय ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बंटे जिलों के हिसाब से कुछ रियायतें दीं हैं. जबकि कुछ सुविधाएं ऐसी हैं जो हर जोन में बंद रहेंगी. गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देशों के पालन का निर्देश दिया है. बता दें कि पहली बार 24 मार्च को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी. जिसके बाद फिर 14 अप्रैल से लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला हुआ था. अब तीसरे चरण में चार मई से दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला हुआ है.

देश में रेड ही नहीं बल्कि ऑरेंज और ग्रीन जोन में भी कई गतिविधियों को पहले की तरह बंद रखा गया है. मसलन, स्कूल, कॉलेज, माल, जिम, सैलून, होटल, रेस्टोरेंट, धार्मिक स्थान हर जोन में बंद रहेंगे. इसी तरह हवाई परिवहन, मेट्रो सेवा और सड़क मार्ग से अंतरराज्यीय परिवहन सेवा भी बंद रहेगी. खास बात है कि दस वर्ष से कम उम्र के और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं के भी बाहर निकलने पर रोक है. ये लोग इलाज आदि कार्य से ही बाहर निकल सकते हैं. इसके साथ ही शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक अनावश्यक सेवाओं के लिए कोई मूवमेंट करने पर रोक रहेगी.

किस जोन में क्या खुला रहेगा?

रेड जोन में कार चलने की छूट रहेगी। लेकिन कार में एक ड्राइवर और दो पैसेंजर को चलने की ही छूट रहेगी. दो पहिया वाहन पर सिर्फ एक व्यक्ति चल सकता है. सोशल डिस्टैंसिंग के साथ फार्मा, आईटी, जूट, पैकेजिंग आदि उद्योगों को चलाने की छूट होगी. 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ प्राइवेट दफ्तरों का संचालन हो सकता है. सिंगल से लेकर कॉलोनियों की दुकानें खुली रहेंगी. आवश्यक सामानों के लिए ई-कॉर्मस गतिविधियों को छूट रहेगी.

ऑरेंज जोन में रेड जोन की सभी छूटों के अतिरिक्त कैब सुविधा के संचालन की अतिरिक्त छूट मिलेगी. लेकिन कैब की कार में ड्राइवर और दो यात्रियों को ही बैठने की छूट है. बाइक पर सिर्फ एक व्यक्ति को चलने की छूट है. अनुमति हासिल करने पर ही कोई व्यक्ति एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट कर सकता है.

ग्रीन जोन में रेड और ऑरेंज जोन की सभी छूटों सहित बसों को भी चलने की अतिरिक्त सुविधा मिलेगी. लेकिन 50 प्रतिशत सीटें खाली रखकर ही बसों का संचालन होगा.