Fact Check: भारतीय सेना के नाम पर फैलाया जा रहा झूठ, हथियार खरीदने के लिए मांगे जा रहे पैसे; सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश
दोस्तों, आजकल व्हाट्सएप पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय सेना के लिए एक बैंक अकाउंट खोला है, जिसमें लोग पैसे दान कर सकते हैं.
Fact Check: दोस्तों, आजकल व्हाट्सएप पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय सेना के लिए एक बैंक अकाउंट खोला है, जिसमें लोग पैसे दान कर सकते हैं. ये पैसे कथित तौर पर सेना की मॉडर्नाइजेशन और हथियार खरीद के लिए इस्तेमाल होंगे. साथ में एक्टर अक्षय कुमार का नाम भी जोड़ा जा रहा है, जिससे लोग इसे सच मानने लगे हैं. लेकिन दोस्तों, सावधान! पीआईबी फैक्ट चेक की ताजा पोस्ट से सच सामने आ गया है कि ये मैसेज पूरी तरह गलत और भ्रामक है.
पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक, ये अकाउंट सेना की मॉडर्नाइजेशन के लिए नहीं, बल्कि आर्म्ड फोर्सेस बैटल कैजुअल्टी वेलफेयर फंड (AFBCWF) के लिए है.
सेना के नाम पर फैलाया जा रहा झूठ
क्यों फैलाया जा रहा है झूठ?
इसका मकसद उन सैनिकों के परिवारों की मदद करना है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई या युद्ध में घायल हुए. ये फंड 2016 में शुरू हुआ था, जब सियाचिन में हिमस्खलन में सैनिकों की मौत हुई थी. यानी ये पैसा हथियार खरीदने के लिए नहीं, बल्कि शहीदों के परिवारों के लिए है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये झूठ क्यों फैलाया जा रहा है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, खासकर हाल के पाहलगाम हमले के बाद, इस तरह की अफवाहें तेजी से फैलती हैं. लोग भावनाओं में बहकर दान कर देते हैं, लेकिन असलियत कुछ और होती है. इतिहास में 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी ऐसी धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे, जहां कॉफिन खरीद में घोटाला हुआ था.
जागरूक रहना जरूरी
इस मैसेज में अक्षय कुमार का नाम जोड़ना भी एक चाल है, क्योंकि उनकी छवि देशभक्ति से जुड़ी है. लेकिन सच ये है कि न तो अक्षय का इसमें कोई रोल है और न ही ये फंड हथियारों के लिए है. तो दोस्तों, व्हाट्सएप पर मैसेज देखकर जल्दबाजी में कदम न उठाएं. पहले फैक्ट चेक कर लें. सरकार और सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सच्चाई जानें. देशभक्ति दिखाने के लिए जागरूक रहना भी जरूरी है!