LGBTQ समुदाय के लिए राहत! अब जॉइंट बैंक खाता खोलने और नॉमिनी बनाने पर नहीं है कोई पाबंदी

नई दिल्ली: LGBTQ समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब समलैंगिक, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर और क्वीर व्यक्तियों के लिए जॉइंट बैंक खाता खोलने या किसी संबंध में अपने पार्टनर को नॉमिनी बनाने पर कोई पाबंदी नहीं है.

28 अगस्त को जारी एक एडवाइजरी में मंत्रालय ने स्पष्ट किया, "किसी भी क्वीर समुदाय के व्यक्ति के लिए जॉइंट बैंक खाता खोलने और अपने साथी को नॉमिनी बनाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है." यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 17 अक्टूबर 2023 को दिए गए आदेश के बाद उठाया गया है. इस आदेश में कोर्ट ने LGBTQ समुदाय के अधिकारों को मान्यता दी थी और उनके खिलाफ किसी भी तरह के भेदभाव को रोकने के निर्देश दिए थे.

इस एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि 21 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी वाणिज्यिक बैंकों को LGBTQ समुदाय के लिए यह सुविधा प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए थे. RBI ने पहले ही 2015 में बैंकों को अपने फॉर्म्स और एप्लिकेशन्स में 'थर्ड जेंडर' के लिए अलग कॉलम जोड़ने के निर्देश दिए थे, ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकें.

RBI के इस आदेश के बाद कई बैंकों ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष सेवाएं शुरू कीं. 2022 में, उदाहरण के लिए, ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 'रेनबो सेविंग्स अकाउंट' योजना लॉन्च की, जो विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बनाई गई थी. इस योजना के तहत उच्च ब्याज दर और डेबिट कार्ड के साथ कई अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं.

सुप्रीम कोर्ट के 17 अक्टूबर 2023 के फैसले के बाद, केंद्र सरकार ने अप्रैल 2024 में LGBTQ+ समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव कर रहे थे. इस समिति का मुख्य उद्देश्य LGBTQ+ समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करना और उन्हें बराबरी का अधिकार सुनिश्चित करना था. इसके साथ ही, समिति ने समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न को रोकने के लिए भी उपाय सुझाए.

यह कदम LGBTQ समुदाय के लोगों को समाज में सम्मान और स्वीकृति दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. उम्मीद है कि इस तरह की नीतियों से LGBTQ समुदाय को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा और वे बिना किसी डर के अपनी जिंदगी जी सकेंगे.