Land For Job Scam: लालू यादव के 15 ठिकानों पर ED के छापे, दिल्ली से बिहार तक ताबड़तोड़ कार्रवाई
लालू यादव (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार 10 मार्च को दिल्ली से लेकर बिहार में कई जगहों पर छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम ने दिल्ली में 15 जगहों पर रेड मारी है, इसमें लालू यादव (Lalu Yadav) के करीबियों के घर भी शामिल हैं. इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ भी की थी. इसी के साथ पटना में आरजेडी के पूर्व विधायक के अबू दोजाना (Abu Dojana) के घर पर भी ईडी की टीम पहुंची है और छापेमारी जारी है. CBI ने लालू यादव से 5 घंटे की पूछताछ, जानें नौकरी के बदले जमीन घोटाले की हर एक डिटेल. 

जमीन के बदले नौकरी मामले में जांच एजेंसियां ताबड़तोड़ एक्शन में दिख रही हैं. इसी के साथ लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. जानकारी है कि लालू यादव की बेटियों के घर भी रेड की गई है. हेमा, रागिनी और चंदा का घर दिल्ली में है, जिनके घर पर ईडी की टीम मौजूद है.

लैंड फॉर जॉब स्कैम

लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थी. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं. सीबीआई को जांच के दौरान पता चला है कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा नौकरी घोटाले के लिए भूमि के संबंध में जमीन उपहार में दी गई थी.

सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी. सीबीआई ने कहा कि रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था.