
Ladki Bahin Yojana: सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना को लेकर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि इस योजना से रायगढ़ जिले की 15,000 से अधिक महिलाएं अपात्र हो गई हैं. इस खबर पर महिला बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर खंडन किया और इसे पूरी तरह से गलत बताया.
मंत्री अदिति तटकरे ने दी ये सफाई
मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत महिलाओं ने 28 जून और 3 जुलाई 2024 को घोषित मानदंडों के आधार पर आवेदन किया था. प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में गठित समितियों ने इन आवेदन पत्रों की जांच की और पात्र तथा अपात्र महिलाओं का निर्धारण किया. यह भी पढ़े: Ladki Bahin Yojana Update 2025: महाराष्ट्र की लाडकी बहनो के अकाउंट में कब आएंगे 2100 रूपए, जानें इसको लेकर पूरी जानकारी
अदिति तटकरे की सफाई
रायगड जिल्ह्यातील १५ हजारहून अधिक महिला "मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण" योजनेतून अपात्र झाल्याचे वृत्त जनतेची दिशाभूल करणारे आहे.
दिनांक २८ जून २०२४ व ३ जुलै २०२४ रोजी जाहीर करण्यात आलेल्या निकषांच्या आधारावर महिलांनी अर्ज केले. त्यानंतर प्रत्येक जिल्हा पातळीवर… https://t.co/EM86lByjxV
— Aditi S Tatkare (@iAditiTatkare) March 25, 2025
रायगढ़ जिले में 6 लाख आवेदन मिले थे
रायगढ़ जिले में कुल 6 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से लगभग 15,849 महिलाएं छानबीन प्रक्रिया में अपात्र पाई गईं. यह पूरी प्रक्रिया 10 अक्टूबर 2024 तक समाप्त कर ली गई थी. पात्र महिलाओं को मार्च 2025 तक सम्मान निधि सफलतापूर्वक वितरित की जा चुकी है.
पात्र महिला के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी: तटकरे
मंत्री तटकरे ने यह भी कहा कि जिन महिलाओं को योजना के लिए कभी पात्र ही नहीं माना गया, उन्हें फिर से अपात्र ठहराने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने यह भी कहा कि इस खबर को झूठा और निराधार बताया है. महायुती सरकार राज्य की सभी पात्र महिलाओं को "मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन" योजना का लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी पात्र महिला के साथ अन्याय न हो.
इस योजना से अब तक 9 लाख से ज्यादा महिलाएं हुई बाहर
हालांकि इससे पहले महाराष्ट्र में करीब 9 लाख से ज्यादा महिलाएं 'लाडकी बहिन' योजना से अपात्र पाई गईं. अब इन्हें सरकार की तरफ से लाभ नहीं मिल रहे हैं. सरकार की जांच में यह पाया गया कि ये महिलाएं इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठा रही थीं, जबकि वे इस योजना कराईट ऐरिया नहीं आ रही थीं. इसके बावजूद, ये महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही थीं. इसलिए इन्हें योजना से बाहर कर दिया गया है.