कुंभ की तैयारियां जोरों- शोरों से जारी है. इस बार मेले में कई साधू अपने- अपने अखाड़े लेकर आ रहे हैं. कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शामिल होनेवाला है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi ) ने कहा कि उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ की ही तरह जनवरी 2019 में किन्नर अखाड़ा भी मौजूद होगा. इस अखाड़े का संगम शिविर भी लगाया जाएगा, अखाड़े में यज्ञ, अनुष्ठान के साथ कथा, प्रवचन भी आयोजित किए जाएंगे. आपको बता दें इस कुंभ में देश विदेश के बहुत सारे किन्नर शामिल होंगे, प्रयागराज कुंभ में किन्नर आर्ट विलेज भी बनाया जा रहा है. लेकिन किन्नर अखाड़े को लेकर लड़ाई छिड़ गई है. बहुत से लोग इस अखाड़े का विरोध कर रहे हैं. लेकिन महामंडलेश्वर ने ठान लिया है की वो किन्नर अखाड़ा स्थापित करके ही रहेंगी. इस आखाड़े के जरिए वो किन्नरों के अस्तित्व और उनके महत्त्व, उनकी उत्पत्ति कैसे हुई आदि बातें वो लोगों तक पहुंचाना चाहती हैं.
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महामंडलेश्वर ने कहा, धर्म सबका है, यह किसी के बाप की जागीर नही है. लोगों को किन्नरों से भेदभाव नहीं करना चाहिए. त्रिपाठी ने बताया कि उनका अखाड़ा भेदभाव में विश्वाश नहीं करता. समाज में किन्नरों को घृणा भरी नज़रों से देखा जाता है. किन्नर भी इंसान हैं, वो प्रेम के भूखे हैं. उनका कोई परिवार नही है. अगर उन्हें समाज से प्यार और इज्ज़त मिलेगी तो वे भी बहुत कुछ कर दिखाएंगे.
आपको बता दें कुंभ के सभी अखाड़े बैंड, बाजों के साथ अपनी फेरी निकालेंगे, ये फेरी कई किलोमीटर लंबी होती है. इस फेरी में लोग अपने- अपने अखाड़ों का वैभव दिखाने की कोशिश करते हैं. जो देखने लायक होता है.