नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की राजनीति में सियासी ड्रामा जारी है. कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पलड़ा भार दिखता है, तो कभी कमलनाथ सरकार का. कांग्रेस ने जहां एक ओर अपने दिल्ली लाए गए विधायकों को बचाकर राहत की सांस ली, तो वहीं दूसरी ओर पार्टी ने देर रात भाजपा में ही सेंधमारी कर दी. मध्यप्रदेश में गुरुवार देर रात भाजपा के तीन विधायक शरद कौल (Sharad Kaul), संजय पाठक (Sanjay Pathak) और नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi) ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की, जिसके बाद मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया. वहीं, विधायक त्रिपाठी ने इस्तीफा देने से अभी इंकार किया है. माना जा रहा है कि यह तीनों विधायक आज कांग्रेस में शामिल होंगे.
इस बीच जब भोपाल में कांग्रेस जब भाजपा को झटका देने की तैयारी कर रही थी, उसी वक्त दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर शिवराज सिह चौहान, धर्मेद्र प्रधान, अरविंद मेनन की 8 घंटे बैठक चली. देर रात नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली पहुंच गए. छतरपुर-टीकमगढ़ औए आसपास के कांग्रेस विधायकों राहुल लोधी, प्रद्युम्न लोधी सहित कुछ अन्य के भी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के संपर्क में होने की बात कही जा रही है.
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इस बीच भाजपा नेता हितेश वाजपेयी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हमारे नेता नजर बनाए हुए हैं. कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. सिंधिया खेमें के 35 विधायको ने कमलनाथ को समर्थन देने से इनकार कर दिया है. पहले कमलनाथ सरकार इससे निपट ले. हम अपने विधायकों को एकजुट रख लेंगे."